पहाड़ों में जल्द दौड़ेंगी बिजली वाली गाडि़यां

By: Sep 19th, 2019 12:30 am

शिमला – मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी की अध्यक्षता में बुधवार को हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2019 के प्रारूप को तैयार करने के लिए एक बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान डा. बाल्दी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2019 का लक्ष्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करना और सुरक्षित, पर्यावरण के अनुकूल, समावेशी व एकीकृत गतिशीलता प्रदान करना है। मुख्य सचिव ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन नीति का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों और भारत सरकार के दृष्टिकोण के साथ राज्य में 2030 तक शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सार्वजनिक व निजी चार्जिंग बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों द्वारा सार्वजनिक चार्जिंग के बुनियादी ढांचे के लिए अधिसूचित मानकों के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के लिए समर्पित बुनियादी ढांचे के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा।

निजी चार्जिंग स्टेशनों को बढ़ावा देगी सरकार

मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि निजी चार्जिंग स्टेशन को बढ़ावा देने तथा बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए व्यवहारिक व्यापार मॉडल विकसित किया जाएगा। इस नीति के तहत होटल तथा शॉपिंग मॉल जैसे व्यावसायिक भवनों में चार्जिंग स्पॉट का प्रावधान रखा गया है। पूरे प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बिजली की घरेलू दर वसूली जाएगी। सार्वजनिक चार्जिंग सुविधा और चार्जिंग स्टेशनों में नॉन डोमेस्टिक नॉन-कामर्शियल बिजली की दरें लागू होंगी। हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग समय-समय पर इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों की बिजली दरों को निर्धारित करने वाला अंतिम प्राधिकरण होगा।

बिजली बोर्ड होगा नोडल एजेंसी

मुख्य सचिव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड लिमिटेड को मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट्स एंड पावर विभाग द्वारा राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग व्यवस्था स्थापित करने के लिए राज्य नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। राज्य नोडल एजेंसी सार्वजनिक व्यावसायिक चार्जिंग स्टेशनों पर सेवा शुल्कों की दरों को निर्धारित करेगी। उन्होंने नोडल एजेंसी को प्रमुख मार्गों पर चार्जिंग स्टेशनों की संभावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नीति का उद्देश्य स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना भी है। राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी और संबंधित पुर्जों के निर्माण और निपटान के लिए प्रोत्साहन देगी।


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