पांगणा में तेंदुए का खौफ

करसोग – पांगणा गांव में पिछले तीन-चार दिनों से तेंदुए का आतंक पसरा हुआ है। पांगणा के पुराने बाजार व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पांगणा के आसपास बसे परिवार के सदस्यों ने बाघ को आते-जाते भी देखा। गत दिनों लगभग 11 बजे के करीब प्रदेश विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त कर्मचारी खेमराज शर्मा पांगणा स्थित अपने कमरे में सोए हुए थे तो उन्हें एहसास हुआ कि उनके दरवाजे के पास तेदुआ बैठा है। उन्होंने कमरे की खिड़की के माध्यम से बाहर झांककर देखा तो दरवाजे के पास बेठे तेंदुए को देख सहम गए।  तेंदुए देर रात तीन बजे तक उनके कमरे के बाहर बैठा रहा और धीरे-धीरे गुर्राता रहा। खेमराज शर्मा ने बताया कि इस दौरान वे और उनकी पत्नी दया बहुत दहशत में रहे। इस विषय की जानकारी उन्होंने बुधवार को वन विभाग को भी दे दी, तथा वन विभाग पांगणा के उप-राजिक को भी जानकारी दे दी। सिंचाई और जन-स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त फीटर लीलाधर शर्मा ने बताया कि तेंदुआ उनके घर के आसपास तीन-चार दिनों से मंडरा रहा है। यह बाघ उनके मोहल्ले से कुत्तों को उठाकर ले जा है। इस विषय में परिवहन विभाग में सेवारत कर्मचारी सचिन शर्मा और खंड विकास कार्यालय करसोग में सेवारत लक्ष्मी कांत ने भी बताया कि उन्होंने मंगलवार रात लगभग आठ बजे के करीब आंगन में तेंदुए को देखा।