प्रदेश में खुलेंगी सौ ट्राउट यूनिट

शिमला – प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सौ ट्राउट इकाइयां स्थापित करेगी। प्रदेश में इस वर्ष 100 अतिरिक्त ट्राउट इकाइयां तथा कार्प फिश के उत्पादन के लिए 10 हेक्टेयर में तालाब निर्मित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे लगभग 550 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। मत्स्य पालन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में इस वर्ष सभी जल स्रोतों से लगभग 171.57 करोड़ रुपए मूल्य की लगभग 13402 टन मछली उत्पादन हुआ है। विभागीय ट्राउट फार्मों से 8.34 मीट्रिक टन ट्राउट का उत्पादन भी किया गया है। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र में लगभग 25.21 करोड़ रुपए मूल्य की 560 मीट्रिक टन ट्राउट का उत्पादन किया गया है। बताया गया कि प्रदेश में ट्राउट के सफलतापूर्वक प्रजनन के परिणामस्वरूप अब कुल्लू जिला के अलावा शिमला, मंडी, कांगड़ा, किन्नौर, चंबा व सिरमौर जिला में भी निजी क्षेत्र में ट्राउट इकाइयों की स्थापना की गई है। प्रदेश में वर्ष 2022 तक ट्राउट मछली का एक हजार मीट्रिक टन उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं को मत्स्य गतिविधियों को अपनाने के लिए विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। प्रदेश में मत्स्य इकाइयां स्थापित करने के लिए सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति, जनजाति व महिलाओं को 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।

12 हजार मछुआरे पीएम सुरक्षा बीमा योजना में

राज्य के 12 हजार 650 किसान और मछुआरों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत लाया गया है। प्रदेश में ऑफ  सीजन के दौरान सरकार द्वारा मछुआरों को 80.73 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जिसमें मौसम के दौरान तीन हजार रुपये की दो किस्तें मछुआरों को प्रदान की गई हैं। केंद्र प्रायोजित आदर्श मछुआरा आवास योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले सभी मछुआरों को 100 प्रतिशत आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है और अब तक 60 मछुआरों को लाभान्वित किया गया है।