फसल की रखवाली करेगी चैनलिंग तार

By: Sep 6th, 2019 12:30 am

शिमला – प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में बदलाव किया है। अब इस योजना में सोलर फेंसिंग के अलावा कांटेदार बाड़ लगाने का भी प्रावधान किया गया है। यह कदम किसानों की मांग व सुझावों को देखते हुए उठाया गया है। प्रधान सचिव कृषि ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि बेसहारा पशुओं, जंगली जानवरों व बंदरों से फसल को बचाने के लिए शुरू की गई खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत अब कांटेदार तार/चेनललिंक बाड़बंदी के लिए 50 प्रतिशत उपदान देने का प्रावधान किया गया है और 70 प्रतिशत उपदान कंपोजिट बाड़बंदी के लिए किया गया है। इस वर्ष इस योजना पर 35 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना में किसानों को पहले ही सौर ऊर्जा बाड़बंदी के लिए 80 प्रतिशत व समूह में खेतों की बाड़बंदी करने के लिए 85 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा इस कार्य के लिए 27 दक्ष सेवा प्रदाता कंपनियों को सूचीबद्ध किया गया है। लाभार्थी अपनी स्वेच्छानुसार किसी भी कंपनी का चुनाव कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा गठित समिति द्वारा निरीक्षण के बाद ही इस योजना के तहत किसानों को सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने किसानों से इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आने को कहा है। चैनलिंग तार मजबूत होगी, वहीं इसके नीचे स्पेस भी छोड़ा जाएगा। इसके साथ आसपास घास भी उगाया जा सकता है। कृषि विभाग ने किसानों की मांग पर चैनलिंग तार किसानों को देने का फैसला लिया है। यह तार लोहे की होगी। बताया जा रहा है कि चैनलिंग तार खेतों में लगने के बाद इससे खेतों में आने वाले जंगली जानवरों को इतनी जोर से झटका लगेगा कि वह दूसरी बार आने के लिए भी डरेंगे। इससे पहले किसानों की ओर से शिकायतें रही हैं कि दूसरी करंट तारों को जंगली जानवर आसानी से तोड़ कर चले जाते हैं। इससे उनकी फसलों को करंट तार लगने के बाद भी काफी नुकसान पहुंचता है। अहम यह है कि फसलों को जंगली जानवर से बचाने से लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत अब किसान अपनी पसंद की कंपनी से सोलर फेंसिंग चैनलिंग तार लगवा पाएंगे। इसके लिए सरकार ने 27 कंपनियों को मान्यता प्रदान की है। अगर किसानों को एक कंपनी का प्रोजेक्ट पसंद नहीं आता है, तो वह दूसरी कंपनी से सोलर फेंसिंग लगवा सकते हैं। बता दें कि अगर किसान सोलर प्लांट प्रोजेक्ट को सामूहिक रूप से लगवाते हैं, तो इन्हें 85 फीसदी तक का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App