फिर लौटेगी इलाज की पुरानी पद्धति

By: Sep 13th, 2019 12:30 am

उद्योगपति आयुष रिजॉर्ट, वेलनेस सेंटर खोलने के इच्छुक

शिमला – प्रदेश में आयुष रिजॉर्ट और आयुर्वेद पद्धति को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने 466 करोड़ के प्रोजेक्ट पर एमओयू साइन किए हैं। मनाली के मिनी कान्क्लेव इस सेक्टर में 14 एमओयू किए गए, जो प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में वेलनेस सेंटर खोलने को तैयार हैं। निजी क्षेत्र में आयुष और आयुर्वेद पद्धति को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल और बाहरी राज्यों के उद्योगपतियों ने इच्छा जताई है। ऐसे में आने वाले समय में प्रदेश के हर जिला में आयुष रिजॉर्ट खोले जाएंगे। जहां पर पंचकर्मा और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति शुरू करने का मौका मिलेगा। जानकारी के मुताबिक आयुर्वेद विभाग इस बाबत एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिस पर पर्यटन विभाग के साथ मिलकर काम किया जाएगा। पहले चरण में शिमला के लगभग 10 अस्पतालों में यह लाभ पर्यटकों और मरीजों को मिलने वाला है। इसके बाद अन्य पांच जिलों में इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद विभाग में इलाज की कई पुरानी विधियां भी अस्पतालों में शुरू हो जाएंगी।  प्रथम चरण में पंचकर्मा और पर्यटन को साथ में जोड़ा जाने वाला है। इसके अलावा प्रदेश में इलाज की अब आठ प्राचीनतम विधियों के तहत आयुर्वेदिक डाक्टरों की ट्रेनिंग भी लगभग पूरी हो गई है। इसमें मर्म चिकित्सा, अनु शास्त्रा कर्मा, सिराविदेश, अग्निकर्मा, जालूका अविचरण, अलाबू कर्मा, मृतिका चिकित्सा और शतकर्मा विधि के तहत सभी आयुर्वेदिक अस्पतालों में मरीजों को इलाज दिया जाना तय किया गया है। यह ट्रेनिंग शिमला में हुई है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App