बंद होंगे 10 से 20 छात्रों वाले स्कूल

By: Sep 30th, 2019 12:30 am

प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग से एक बार फिर तलब किया सभी विद्यालयों का रिकार्ड, मर्ज हो सकती हैं पाठशालाएं

शिमला -हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से 10 से 20 संख्या वाले सरकारी स्कूलों को बंद किया जाएगा। सरकार कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने पर गंभीर हो गई है। राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग से इस बारे में रिकार्ड तलब कर दिया है। वहीं यह भी साफ किया है कि शहरी व ऐसे क्षेत्र जहां पर आर्थिंक स्थिति ठीक होने के बाद भी जगह-जगह पर स्कूल खोले गए हैं, ऐसे क्षेत्रों का पूरा ब्यौरा भेजा जाए। राज्य सरकार ने इस बार यह रिकार्ड प्रारंभिक शिक्षा विभाग को जल्द भेजने को कहा है। दरअसल सरकार इस साल में ही कम संख्या वाले स्कूलों का बंद करना चाहती है। यही वजह है कि शिक्षा विभाग को इस बाबत जल्द रिकार्ड भेजने को कहा है। बता दें कि पिछले साल सरकार ने केवल दस से कम संख्या वाले स्कूलों को ही बंद करने का निर्णय लिया था, लेकिन अब 20 संख्या वाले स्कूलों को भी सरकार बंद कर सकती है। इसकी वजह यह है कि अब शिक्षा विभाग बजट सोच समझकर ही खर्च करना चाहता है। यानी कि जिन स्कूलों में छात्र ही कम होंगे, वहां पर बजट देने के मूड में भी सरकार नहीं है। हालांकि शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में 400 के करीब ऐसे स्कूल हैं, जहां पर छात्रों की संख्या कम है। ऐसे में शिक्षा विभाग का तर्क है कि सभी स्कूलों से ताजा रिपोर्ट आने के बाद इस संख्या में और भी इजाफा हो जाएगा। सरकार कम संख्या वाले सरकारी स्कूलों को बंद करने का अंतिम फैसला कैबिनेट की बैठक में ही लेगी। अहम यह है कि इससे पहले सरकार ने सरप्लस शिक्षकों का ब्यौरा शिक्षा विभाग से मांगा था। यह दूसरा ऐसा फैसला है, जो सरकार की ओर से लिया जा रहा है। पिछले वर्ष भी ऐसे स्कूलों का नाम आया था, लेकिन लोगों के विरोध की वजह से शिक्षा विभाग इन स्कूलों को बंद नहीं करवा पाया था। वभागीय जानकारी के अनुसार कई ऐसे भी ब्लॉक हैं, जहां पर हर मोड पर सरकारी स्कूलों को खोला गया है। ऐसे में इन स्कूलों में चार से पांच छात्र भी हैं। शिक्षा विभाग के पास कई ऐसे स्कूल की रिपोर्ट पहुंची है।

नदी-नाले वाले स्कूलों को राहत

प्रदेश सरकार ऐसे क्षेत्रों में राहत देगी, जहां नदी-नाले क्रॉस कर छात्रों को स्कूल में जाना पड़ता है। दरअसल सरकार ऐसे स्कूलों को बंद नहीं करेगी, जहां पर दूसरे स्कूल तक पहुंचने के लिए छात्रों को नदी-नाले या मीलों दूर जाना पड़ता है।

जरूरत के हिसाब से होंगे स्कूल

सरकार का दावा है कि इससे स्कूलों की शिक्षा में जहां गुणवत्ता आएगी, वहीं जरूरत के हिसाब से प्रदेश में स्कूल होंगे। बता दें कि सरकार जिन स्कूलों को बंद करने जा रही है, उनमें प्राइमरी व मिडल स्कूल शामिल हैं। प्रदेश में प्राइमरी व मिडल के स्कूलों को मिला दिया जाए, तो इस समय 13 हजार के करीब ये स्कूल हैं।


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