बिलासपुर में इस बार कम सुलगे जंगल

By: Sep 17th, 2019 12:20 am

बिलासपुर –जंगलों को आग से बचाने के लिए इस बार वन विभाग की मुहिम रंग लाई है। बीते साल की तुलना इस बार बिलासपुर के जंगल दोगुना कम संख्या में सुलगे है। यह खुलासा वन विभाग की सालाना रिपोर्ट से हुआ है। वन विभाग के आरण्यपाल आरएस पटियाल ने बताया कि इस साल (2019) जंगलों में आग लगने के केवल 133 केस ही सामने आए हैं, जिससे 590 हेक्टेयर की वन संपदा  प्रभावित हुई है। इससे 13 लाख 20 हजार रुपए का नुकसान हुआ है, जबिक गत वर्ष (2018) में आग लगने के 308 केस हुए थे, जिससे 5409 हेक्टेयर प्रभावित होने के साथ 58 लाख 29 हजार रुपए का भारी नुक्सान हुआ था। अरण्यपाल आरएस पटियाल ने बताया कि इस साल वन विभाग द्वारा बड़े स्तर पर चलाए गए जागरूकता अभियान के साथ समय-समय पर हुई बारिश के कारण लाखों की वन संपदा जलने से बच गई है। बहरहाल फायर सीजन के दौरान आग से बचाने के लिए किए जा रहे प्रयास अब फलदायी सिद्ध होने लगे हैं। विभागीय प्रयासों का ही नतीजा है कि इस वर्ष वनों में आग लगने के महज 133 मामले ही सामने आए हैं, जबकि पिछले साल इस अवधि में यह आंकड़ा कहीं अधिक था। हालांकि इस बार वनों में आग की घटनाओं से निजात मिलने में मौसम की भी मदद मिली है, क्योंकि नियमित तौर पर बारिशें होते रहने से जंगलों में भी नमी है। यही कारण है कि पिछले साल की तुलना में इस बार नुकसान का आंकड़ा कहीं कम है। आरण्यपाल आरएस पटियाल ने बताया किने बताया कि इस बार वनों को आग से बचाने के लिए और अधिक बेहतर कदम उठाए गए हैं। विभागीय प्रयासों की बदौलत सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। जंगलों को आग से बचाने के लिए विभाग की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए। इसके साथ ही ब्लॉक स्तर पर कमेटियां भी बनाई गई थीं। जिला भर में होने वाली ग्राम सभाओं में जाकर लोगों को वन संपदा को बचाने के प्रति जागरूक किया गया। आग की घटनाओं को रोकने और आम लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविरों में ग्रामीणों के अलावा, स्कूलों में भी अभियान चलाकर लोगों को जंगलों में लगने वाली आग बुझाने में सहयोग करने की अपील की गई थी। अलबत्ता वन कर्मी भी सूचना मिलते ही घटनास्थल पहुंच रहे। समय रहते सूचना मिलने से आग पर काबू पाने के प्रयास तुरंत प्रभाव से शुरू किए गए। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में गठित साझा वन समितियों की मदद भी ली गई। इसी का नतीजा है कि वनों में आग के मामलों में पिछले साल की तुलना गिरावट आई है।


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