बीबीएमबी परियोजनाओं में हिमाचल को बनाया जाए पूर्णकालिक सदस्य
उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने उठाया मामला
शिमला – जयराम सरकार ने बीबीएमबी परियोजनाओं में हिमाचल को पूर्णकालिक सदस्य बनाने का मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष उठाया है। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हिमाचल तथा पंजाब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री बीबीएमबी के मुद्दे पर कई बार आमने-सामने आए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीबीएमबी में लंबित हिस्सेदारी की मांग को भी प्रमुखता से उठाया। हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए फैसले का इंतजार करने की वकालत की। पुख्ता सूचना के अनुसार हिमाचल सरकार ने केंद्र से मांग की है कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 में संशोधन कर हिमाचल प्रदेश को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) परियोजनाओं में पूर्णकालिक सदस्य बनाया जाए। इससे लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा संभव है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (एनजेडसी) की बैठक में भाग लेते हुए यह मांग उठाई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में की गई इस बैठक में विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उत्तरी क्षेत्र के मंत्रियों, भारत सरकार और उत्तरी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों ने हमेशा राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए देश में विभिन्न प्रकार के बांधों के निर्माण के लिए अपनी उपजाऊ भूमि प्रदान की है। हिमाचल प्रदेश सरकार और राजस्थान सरकार के राहत और पुनर्वास अधिकारियों की एक समन्वय समिति गठित की जाए, ताकि हिमाचल प्रदेश के पौंग बांध विस्थापितों के पुनर्वास के लिए लंबित मामलों का समयबद्ध समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय उच्च समिति भी गठित की जाए। जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार से पांच हेक्टेयर तक की वन भूमि के लिए वन स्वीकृतियां प्रदान करने का अधिकार राज्य सरकार को देने का आग्रह किया, ताकि लघु कल्याणकारी योजनाएं समय पर पूरी हो सकें और प्रदेश का विकास वन स्वीकृतियों में देरी से बाधित न हो। युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त रणनीति बनाई है, जो नशे से निपटने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि केंद्रीय एजेंसियां सभी राज्यों के साथ नशे के व्यापार से संबंधित जानकारी साझा करें। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा पर स्थित जिलों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर प्रदेश में नशे के व्यापार पर निगरानी रखी जा सकती है।
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