भारत से जंग नहीं जीत सकता पाकिस्तान

By: Sep 16th, 2019 12:14 am

दुश्मन देश के प्रधानमंत्री इमरान ने खुद माना, जंग हुई तो आखिरी सांस तक लड़ेंगे

इस्लामाबाद –जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर भारत सरकार के बड़े फैसले के बाद पाकिस्तान लगातार युद्ध की धमकियां दे रहा है। हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद स्वीकार किया है कि वह भारत से युद्ध नहीं जीत सकते। परमाणु युद्ध की बात करते हुए इमरान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान पारंपरिक युद्ध भारत से हार सकता है, वह हारने लगा, तब उसके पास दो ही विकल्प होंगे, या तो वह आत्मसमर्पण करे और या फिर आखिरी दम तक आजादी की लड़ाई लड़े। उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम है कि पाकिस्तानी अपनी आजादी की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ेंगे। ऐसे में जब परमाणु शक्ति संपन्न दो देश लड़ेंगे तो इसके अपने नतीजे होंगे। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में परमाणु खतरे के सवाल पर इमरान ने कहा कि इसमें कोई भ्रम नहीं है। मैंने कहा है कि पाकिस्तान कभी भी परमाणु युद्ध की शुरुआत नहीं करेगा। मैं एक शांतिवादी व्यक्ति हूं। मैं जंग के खिलाफ हूं। मेरा मानना है कि लड़ाइयों से समस्याएं नहीं सुलझती हैं। युद्ध के अनपेक्षित परिणाम देखने को मिलते हैं। आप वियतनाम, इराक की लड़ाइयां देखिए इससे दूसरी कई समस्याएं पैदा हो गईं और वह भी जिसके लिए लड़ाई लड़ी गई, उससे ज्यादा गंभीर थीं। उन्होंने कहा कि अपने पड़ोसी देशों में पाकिस्तान का चीन के साथ इस समय इतना करीबी संबंध है, जितना पहले कभी नहीं रहा है, लेकिन भारत के साथ यह बिल्कुल निचले स्तर पर पहुंच गया है। श्री खान ने कहा कि कश्मीर में 80 लाख मुसलमान पिछले लगभग छह सप्ताह से कैद हैं। भारत पाकिस्तान पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगा दुनिया का ध्यान इस मुद्दे से भटकाना चाहता है। पाकिस्तान कभी युद्ध की शुरुआत नहीं करेगा और मैं इसे लेकर बिल्कुल स्पष्ट हूं। मैं अमनपसंद इन्सान हूं, मैं युद्ध के खिलाफ हूं, मेरा मानना है कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है। श्री खान ने हालांकि कहा कि जब दो परमाणु शक्ति संपन्न देश टकराएंगे और अगर वह परंपरागत युद्ध भी लड़ते हैं, तो पूरी आशंका है कि यह युद्ध परमाणु हथियारों तक पहुंच जाएगा। इस तरह के युद्ध के परिणाम की कल्पना नहीं की जा सकती। यही वजह है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि हम दुनिया के तमाम अहम मंचों पर इस मुद्दे को उठा रहे हैं, ताकि वे तत्काल कदम उठाएं, क्योंकि अगर युद्ध हुआ तो यह भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सीमित नहीं रहेगा। यह इससे आगे जाएगा और पूरी दुनिया पर असर होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने भारत से बातचीत की कोशिश की, लेकिन भारत ने उसे फायनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की काली सूची में  डलवाने की कोशिश की। अगर पाकिस्तान काली सूची में चला जाता तो हमारे ऊपर  कई प्रतिबंध लग जाते। भारत उसे दिवालिया घोषित करवाना चाहता है। श्री खान ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र बना और हमने यहीं कश्मीर के मुद्दे को उठाया है और उम्मीद है कि कुछ न कुछ समाधान निकलेगा। हम दुनिया के सभी ताकतवर देशों से संपर्क कर रहे हैं। अगर कश्मीर का मुद्द नहीं सुलझा तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। जिन देशों को भारत बड़ा बाजार  दिख रहा है और वे यहां व्यापार करने की सोच रहे हैं, उन्हें इस बात का अहसास  नहीं है कि अगर वे हस्तक्षेप नहीं करेंगे तो इसका असर न केवल भारतीय उपमहाद्वीप पर पड़ेगा, बल्कि पूरी दुनिया इससे प्रभावित होगी। अपने एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम पहले ही एक नए पाकिस्तान में हैं। इस सरकार ने ऐसी चीजें की हैं, जिन्हें पहले की किसी सरकार ने नहीं किया, लेकिन जैसी कहावत है कि रोम एक दिन में नहीं बना। जब आप इस तरह के बड़े बदलाव और सुधार करने की शुरुआत करते हैं तो इसमें वक्त लगता है। किसी भी सरकार के कामकाज़ का आकलन पांच साल बाद ही हो पाता है। पहला साल सबसे मुश्किल समय था, लेकिन अब से लोगों को फर्क पता चलना शुरू हो जाएगा। इस समय देश की दिशा सही है।


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