मालभाड़े में 2 से 12 फीसदी कटौती

By: Sep 1st, 2019 12:30 am

सरकार और उद्योगों के आगे झुकी एशिया की सबसे बड़ी नालागढ़ ट्रक यूनियन, बैठक में पदाधिकारियों ने लिया फैसला

बीबीएन – उत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रक आपरेटर यूनियन दि ट्रक आपरेटर यूनियन नालागढ़ उद्योग जगत व सरकार के दबाव के आगे मालभाड़े में कटौती पर राजी हो गई है। यूनियन ने बीबीएन उद्योग संघ के साथ चली मैराथन बैठकों के बाद माल नौ टन लोड पर भाडे़ में दो से 12 फीसदी तक कटौती कर दी है। इसके अलावा नौ से 11 टन लोड पर आठ फीसदी की अतिरिक्त  छूट भाड़े में मिलेगी। मसलन यूनियन उद्यमियों को 20 फ ीसदी तक की छूट भाडे़ में देगी। यह कटौती पहली सितंबर से लागू हो जाएगी। यूनियन पर औद्योगिक संगठनों का लगातार आरोप था कि यहां भाड़ापड़ोसी राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा है। सभी प्रकार के पैके ज समाप्त होने के बाद यहां पर उद्योगों को ज्यादा मालभाड़ा अदा करने पड़ रहा था, जिससे उनके उत्पाद दर महंगी हो रही थी। उद्यमियों ने कई बार तमाम पड़ोसी राज्यों के बद्दी से भाड़ों का तुलनात्मक अध्ययन करके रिपोर्ट यूनियन व सरकार के समक्ष थी। गत दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी मालभाड़े में 28 फीसदी की कमी के संकेत दिए थे, दरअसल इन्वेस्टर मीट के जरिए हजारों-करोड़ों का निवेश बटोरने के लिए कदमताल कर रही प्रदेश सरकार को देश-विदेश के निवेशकों ने मालभाड़े की ज्यादा दरों को कम करने की मांग उठाई थी। नालागढ़ ट्रक आपरेटर यूनियन के बेड़े में 12 हजार से ज्यादा ट्रक हैं, जो प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के तीन हजार उद्योगों के लिए परिवहन का अहम जरिया है। जानकारी के मुताबिक बीबीएन उद्योग संघ के कार्यालय में ट्रांसपोर्ट कमेटी की बैठक हुई, जिसमें मालभाडे़ घटाने का निर्णय लिया गया। बीबीएन उद्योग संघ के अध्यक्ष संजय खुराना, महामंत्री वाईएस गुलेरिया, सलाहकार राजेंद्र गुलेरिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग पुरी, दिनेश जैन व ट्रक आपरेटर यूनियन अध्यक्ष विद्या रतन, प्रधान विद्यारतन चौधरी, हरभजन चौधरी, वीर सिंह चंदेल, जगदीश चंद जग्गी, देवी शरण खुल्लर, भाग सिंह चौधरी, जरनैल सिंह व सुरजीत के साथ हुई बैठक में उद्योग व ट्रांसपोर्टर के हित को देखते हुए दो से 20 फीसदी मालभाडे़ के रेट कम करने पर सहमति बनी, जो ऐतिहासिक है।  वहीं बीबीएन उद्योग संघ के अध्यक्ष संजय खुराना ने इसे उद्योग जगत के हित में उठाया गया सराहनीय कदम करार  दिया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर मंदी का सामना कर रहे उद्यमियों के लिए यह राहत भरा कदम है।

जयराम सरकार का था भारी दबाव

पंजाब में अमरेंदर सिंह की सरकार बनते ही उन्होंने वहां की तमाम ट्रक यूनियनों को भंग कर दिया था। जयराम सरकार ने भी सत्ता संभालते ही संकेत दिए थे हिमाचल में उद्योग टिकाने व औद्योगिक विकास को तेज करने के लिए रेट कम करने बहुत जरूरी है। सीएम जयराम ठाकुर ज्यादा निवेश लाने के लिए कई राज्यों में इंवेस्टर मीट कर रहे हैं, लेकिन वहां पर ट्रक यूनियनों की मनमानी पर उनको जवाब देना मुश्किल हो जाता था।

उद्योगों की पुरानी मांग पूरी

इस विषय में ट्रक यूनियन नालागढ़ के अध्यक्ष चौधरी विद्यारतन ने कहा कि हमने मालभाड़ा कम कर उद्योगों की बहुत पुरानी मांग पूरी कर दी है। उन्होंने कहा कि उद्योग हित में दो से 12 फीसदी की कमी की गई है। ट्रांसपोर्टर पहले ही आर्थिक मंदी की मार झेल रहे हैं, फिर भी उद्योग हित में कटौती का निर्णय तो मान लिया।

उद्योगपति अब बाहर से भी ले सकेंगे ट्रक

अगर ट्रक यूनियन सुबह नौ बजे की पुकार के बाद संबंधित उद्योग को ट्रक मुहैया नहीं करवा पाती है, तो अगली सुबह उद्यमी बाहर से ट्रक लेकर अपना काम चला सकेगा। कई बार ऐसा देखने में आया है कि उद्यमियों को ट्रक समय पर नहीं मिलते हैं, जिससे उनका भारी नुकसान होता था। 11 बजे के बाद होने वाली पुकार के बाद अगर उद्योग में बुक किया गया ट्रक नहीं पहुंचता है, तो 24 घंटे बाद उद्यमी किसी बाहरी राज्य के ट्रक से ढुलाई करवा सकेगा। जिन उद्यमियों के अपने वाहन पहले से कार्य कर रहे हैं, वे कार्य करते रहेंगे और यूनियन उसमें कोई बाधा नहीं डालेगी। वहीं, ट्रक यूनियन ने उद्योगों से आग्रह किया है कि वे अपने ट्रक व वाहन न डालें, क्योंकि हम हर समय बेहतर सुविधा देने को तैयार है।


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