माहौल बनाकर गिराई थी मस्जिद
राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर मुस्लिम पक्षकार की दलील
नई दिल्ली – अयोध्या के राम मंदिर बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकार के वकील ने कहा कि 1985 में न्यास बनाया गया और देश भर में कार सेवकों द्वारा आंदोलन चलाया गया और विश्व हिंदू परिषद ने आंदोलन को संगठित कर गति दी और फिर देश भर में माहौल बनाया गया और 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराया गया, ताकि हकीकत को मिटाया जा सके और मंदिर बनाया जा सके। सुप्रीम कोर्ट में 28वें दिन संवैधानिक बेंच के सामने मामले की सुनवाई हुई। अगली सुनवाई सोमवार को होगी। मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने कहा कि बाबरनामा में इस बात का जिक्र है कि बाबरी मस्जिद बाबर ने बनवाई थी। अभिलेखों से साफ है कि मस्जिद बाबर ने बनवाई थी। हिंदू पक्षकारों ने सिर्फ गजेटियर्स का हवाला दिया था और अभिलेखों को छोड़ दिया था। अभिलेखों में साफ है कि बाबर ने ही मस्जिद बनवाई थी। जफरयाब जिलानी ने पहले ही दलील दी है कि 1855 से पहले वहां कुछ नहीं था। ( इनकी दलील का मतलब था कि राम चबूतरा उसके बाद बना है और तब से पूजा शुरू हुई है। वकील धवन ने अपनी दलील में कहा कि अगर वहां मंदिर था, तो वह किस तरह का मंदिर था।
अब एक घंटा अतिरिक्त सुनवाई
अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को एक घंटा अतिरिक्त सुनवाई करेगा। आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट शाम चार बजे तक ही मामले सुनता है, लेकिन इस दिन पांच बजे तक सुनवाई होगी। इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने सभी पक्षकारों से अपनी दलीलें 18 अक्तूबर तक पूरे करने के लिए कहा था। शीर्ष अदालत ने जरूरत पड़ने पर सुनवाई का वक्त बढ़ाने की बात कही थी।
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