मेधावियों को लैपटॉप अगले महीने

सरकार ने कैबिनेट बैठक में दी मंजूरी, एक साल से इंतजार कर रहे प्रदेश के 9700 छात्रों को मिलेगी सौगात

शिमला – प्रदेश के सरकारी स्कूलों में टॉप करने वाले छात्रों का लैपटॉप का इंतजार खत्म हो गया है। अब अगले महीने 9700 मेधावी छात्रों को सरकार व शिक्षा विभाग लैपटॉप देकर सम्मानित करेंगे। एक साल बाद आखिरकार छात्रों को लैपटॉप खरीद को लेकर कैबिनेट बैठक में सरकार ने हरी झंडी दे दी है। सोमवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में प्रदेश के वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 के लिए छात्र डिजिटल योजना के तहत 10वीं व 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को 9700 लैपटॉप खरीदने व वितरित करने को स्वीकृति प्रदान की गई। ये लैपटॉप दसवीं के 4400, जमा दो के 4400 व कालेज के 900 मेधावी छात्रों को मिलेंगे। बता दें कि बड़ी जदोजहद के बाद सरकार ने लैपटॉप खरीद को लेकर कोई फैसला लिया है। सूत्रों की मानें, तो सरकार ने जिन दो कंपनियों के नाम पर लैपटॉप खरीद पर मंजूरी दी है, वे ज्यादा बजट से छात्रों को लैपटॉप खरीदेंगी। दरअसल लैपटॉप को लेकर सरकार ने 18 करोड़ का बजट तय किया था, लेकिन जिन कंपनियों को यह टेंडर दिया है, वे 23 करोड़ तक का बजट सरकार से मांग रही थीं। यही वजह है कि इस पर बजट पर बात न बनने की वजह से लैपटॉप खरीद को इतनी देरी हो गई। सरकार ने अब टेंडर की हुई कंपनियों की शर्त को मान लिया है। वहीं अब कहा जा रहा है कि एल-वन को लैपटॉप खरीदने के लिए सरकार 60 प्रतिशत  तक का बजट देंगी, वहीं 40 प्रतिशत तक का बजट एल-टू स्तर की कंपनी को दिया जाएगा। फिलहाल एक साल से लैपटॉप का इंतजार कर रहे छात्रों के लिए यह अच्छी खबर है। योजना को जारी रखने या बंद करने को लेकर दुविधा में चल रही भाजपा सरकार ने करीब नौ महीने बाद मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप देने को हरी झंडी दे दी है। दस हजार की जगह दसवीं-जमा दो कक्षा के 9700 विद्यार्थियों को ही लैपटॉप दिए जाएंगे। साल 2018 व 2019 के कोटे में कुल 9700 विद्यार्थियों को लैपटॉप दिए जाएंगे। सरकार ने इसके लिए बजट को मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सत्ता बदलते ही दस हजार मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप देने की योजना जारी रखने को लेकर साल भर संशय बना रहा। फिलहाल अब जब सरकार ने इस योजना के तहत छात्रों को लैपटाप देने का फैसला ले लिया है, तो यह साफ हो गया है कि दो साल के मेधावी छात्रों को एक साथ लैपटॉप मिलेंगे।

वरिष्ठ प्रवक्ता बनेंगे उप प्रधानाचार्य

सरकारी स्कूलों में वरिष्ठ प्रवक्ता को अब उपप्रधानाचार्य का दर्जा मिलेंगा। मंत्रिमंडल ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में प्रवक्ताओं में से सबसे वरिष्ठ प्रवक्ता को उप-प्रधानाचार्य नामित करने का निर्णय सोमवार को लिया। बता दें कि अब प्रधानाचार्य की अनुपस्थिति में अब उप प्रधानाचार्य  ही स्कूल की जिम्मेदारी लेंगे। बता दें कि लंबे समय से सरकारी स्कूलों में उप-प्रधानाचार्यों के पद खाली चले हुए थे।