यमुना का पौराणिक संबंध सूर्य देव से है

By: Sep 4th, 2019 12:15 am

यमुना नदी सिरमौर की सीमा के साथ बहती हुई यह ‘ताजेवाला’ हैडवर्क्स के पास  हरियाणा में प्रवेश कर जाती है। हिमाचल प्रदेश में इसका स्त्रवण क्षेत्र 2320 किलोमीटर है। पौंटा साहिब इसके किनारे हिमाचल प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। इसका पौराणिक संबंध ‘सूर्य देव’ से है। यह लगभग 22 किलोमीटर की लंबाई तक हिमाचल में बहती है…

गतांक से आगे …         

यमुना

वेदों में ‘कालिंदी’ के नाम से ज्ञात यह नदी उत्तराखंड के उत्तरकाशी क्षेत्र के कालिंद पर्वत के यमुनेत्री नामक स्थान से निकलती है। पब्बर, गिरी, टांस व बाटा इसकी मुख्य सहायक नदियां हैं। सिरमौर की सीमा के साथ  बहती हुई यह ‘ताजेवाला’ हैडवर्क्स के पास  हरियाणा में प्रवेश कर जाती है। हिमाचल प्रदेश में इसका स्त्रवण क्षेत्र 2320 किलोमीटर है। पौंटा साहिब इसके किनारे हिमाचल प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। इसका पौराणिक संबंध ‘सूर्य देव’ से है। यह लगभग 22 किलोमीटर की लंबाई तक हिमाचल में बहती है।

गिरि नदी जो कहलाती है उसका का शब्दिक अर्थ ही इसकी पवित्रता और ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाता है। वेद-पुराणों में प्रमाण है कि गंगा को एक बूंद निश्चय ही ‘कुपड़’ स्थान पर गिरी जो इस नदी का उदगम स्थान बना। गिरीगंगा शिमला जिला की जुब्बल तहसील  के ‘कुपड़’  स्थान से निकलती हैं। यह स्थान खड़ा पत्थर के समीप ऊंची धार पर स्थित है। यहीं से यह छोटी सी जलधारा कोटखाई, बलसन के बैहगांव परगने, कुम्मारसेन, घुंड और  पराला सैंज से होती हुई ‘बलग’ तीर्थ स्थली पर पहुंचती है। यहीं पर  चूड़धार की चोटियों से निकली पाताल नदी तथा स्वर (सरस्वती) खड्ड के साथ मिलकर त्रिवेणी संगम बनाती हैं। बलग के बाद सिरमौर की सीमा से स्पर्श करती गिरी नदी शिमला-सोलन जिला के कुछ क्षेत्रों को भी सरसब्ज करती हुई पलाशला-यशवंत लगर में शिमला से निकली नदी ‘अशन’ (अश्वनी) और सोलन के नाला ‘क्वाल’ और  बथाऊधार से निकली नदी ‘पेखी’ को अपने साथ समा लेती है। यहीं से यह नदी सिरमौर क्षेत्र में प्रवेश करती हुई इस क्षेत्र को दो भागों ‘गिरीपार’ और ‘गिरीपार’ में विभाजित करती है, जहां खूबसूरत वादियों के साथ-साथ अथाह सांस्कृतिक संपदा संरक्षित है। ‘ठोड़-निवाड़’  में बडू साहब के साथ-साथ  बहती हुई गिरी नदी ददाहू में जलाल नदी के लाल पानी को खुद में समेटेते हुए रेणुका मां से  निकली जलधारा को अपने साथ विलीन करती है और स्तौन तथा हजारों  वर्ष पुरानी पूर्व सिरमौर रियासत की राजधानी सिरमौरी  ताल के आंचल को स्पर्श करते हुए ‘डाकपत्थर’ पर यमुना में मिल कर  अपना सफर पूरा करती है।                -क्रमशः


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