रोप-वे प्रोजेक्ट को चाहिए 150 करोड़

By: Sep 23rd, 2019 12:30 am

वित्त विभाग के पास फंसी सरकार के रैपिड मास ट्रांसपोर्ट सिस्टम की फाइल

शिमला -प्रदेश के मुख्य शहरों में रैपिड मास ट्रांसपोर्ट सिस्टम चलाने के लिए 150 करोड़ रुपए की जरूरत है। इस राशि से शिमला जैसे शहर की ट्रैफिक कंजेशन को दूर किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नए कारपोरेशन ने वित्त विभाग से पैसा मांगा है, परंतु यह फाइल अभी वित्त महकमे के पास फंसी हुई है। इतनी बड़ी राशि देने से पहले वित्त विभाग कई पहलुओं पर गौर कर रहा है। बता दें कि मुख्य शहरों में रोप-वे की व्यवस्था को अंजाम देने के लिए सरकार ने नया कारपोरेशन बनाया है। इसके तहत कई शहरों में रोप-वे का निर्माण करने की संभावनाएं देखी गई हैं। इसमें सबसे प्रमुख शिमला शहर है, जहां पर छोटे-छोटे रोप-वे का निर्माण कर लोगों को यातायात की बेहतर सुविधा देने की सोची गई है। यह कारपोरेशन इसके लिए विस्तृत प्लान बनाने में लगा है और अधिकारी लगातार इसकी जानकारी मुख्य सचिव को भी दे रहे हैं। बता दें कि कैबिनेट में इस पर विस्तार से बात होने के बाद ही कारपोरेशन का अलग से गठन हुआ था, जो नए रोप-वे के निर्माण में मदद करेगा। हाल ही में विधानसभा में सरकार ने एक विधेयक लाकर रोप-वे की कुछ मुश्किलों को आसान भी कर दिया है। इस पर विधानसभा में चर्चा हुई थी और उसी कड़ी में अब शहरों में अब रोप-वे निर्माण का काम होना है। हिमाचल के लिए यह बड़ी बात होगी कि उसके महत्त्वपूर्ण शहरों में रोप-वे यातायात का बड़ा साधन बनेगा, मगर इसके लिए सरकार को पैसा चाहिए। फिलहाल को वित्त विभाग से 150 करोड़ रूपए की राशि मांगी गई है, लेकिन इसमें बाहरी वित्तीय एजेंसियों की मदद किस तरह से हासिल की जा सकती है, इस संबंध में भी योजना बनाई जा रही है। शिमला में उपनगरों को रोप-वे से जोड़ने की सोची गई है, ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो सके। वर्तमान में यहां पर लगातार वाहनों की संख्या बढ़ने से जाम की स्थिति रहती है। यहां पर उपनगर रोप-वे से जुड़ते हैं तो कर्मचारियों व दूसरे लोगों को काफी फायदा होगा। वहीं पर्यटन की दृष्टि से भी यहां काफी बूस्ट आएगा। इसको लेकर व्यापक रणनीति बनाई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि वित्त विभाग को इस मसले पर दोबारा से लिखा जाएगा और सीएम से भी बात हो सकती है, क्योंकि रैपिड मास ट्रांसपोर्ट सिस्टम यहां के लिए बेहद जरूरी है।

 


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