लोगाें के घर काटनी पड़ रहीं रातें

By: Sep 17th, 2019 12:20 am

महंता के 66 वर्षीय बुजुर्ग के सिर पर छत न होने से इधर-उधर भटककर निकालनी पड़ रही जिंदगी

चिंतपूर्णी -चिंतपूर्णी के साथ लगती पंचायत धर्मशाला महंता में एक 66 वर्षीय बुजुर्ग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। इस बुजुर्ग का रिहायशी मकान वर्षा के कारण गिर गया है। जिस कारण अब इसको सर ढकने के लिए छत तक नहीं है। इस बुजुर्ग का नाम वीरबल पुत्र पैंचू राम है और यह धर्मशाला महंता का रहने वाला है। बुजुर्ग पूरी तरह से बेसहारा है। इसका कोई परिवार भी नहीं है जो इसकी देखभाल कर सके। आलम ये है कि इनका नाम बीपीएल परिवारों की सूची में भी नहीं है। पिछले कई दिनों से इसका मकान ढहा हुआ है। बरसात के मौसम में तो इस बुजुर्ग ने लोगों के घर रहकर रात गुजार ली, लेकिन अब सर्दी के मौसम आ रहा है, जिससे इस बेसहारा बुजर्ग का कोई आशियाना नहीं है। हालांकि कुछ दिन पहले भरवाईं नायब तहसीलदार के सज्ञान में ये मामला आया था तो भरवाईं तहसीलदार हरि सिंह गांव में आए थे और मौका देखा था वो आश्वासन दिया था कि बीरबल को आशियाना जरूर दिलाया जाएगा। जिससे इस बुजुर्ग की सहायता को लेकर कुछ आस बंधी भी थी, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उधर, धर्मशाला महंता के उपप्रधान अशोक कुमार ने बताया कि बीरबल के ढहे मकान का जायजा नायब तहसीलदार द्वारा लिया गया था। तहसीलदार ने इसकी सहायता करने का आश्वासन दिया था। कुछ कागजों के पूरा होने के बाद बीरबल के मकान का काम हो जाएगा। पंचायत भी बीरबल की हर तरह से सहायता कर रही है। बीरबल को बुढ़ापा पेंशन भी लगी हुई और पंचायत में इसको राशन भी मिलता है। उधर, कार्यकारी मंदिर अधिकारी हरि सिंह ने बताया कि पटवारी को आदेश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द नुकसान का आंकलन कर उन्हें रिपोर्ट भेजें। उन्होंने बताया कि बेसहारा बुजुर्ग को जल्द ही रहने की व्यवस्था करवाई जाएगी।

 

 


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