वाह…पांच हेक्टेयर वन क्षेत्र की बदली तस्वीर

महागौरी स्वयं सहायता समूह सतीवाला की मेहनत लाई रंग, वन की रक्षा के साथ-साथ चारा ईंधन की समस्या की दूर

नाहन -जिला सिरमौर के नाहन वृत्त के तहत ग्राम सतीवाला की महिलाओं ने गांव की तस्वीर वनों में वनीकरण कर दूर की है। वहीं आज यह गांव महागौरी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की बदौलत हरा-भरा हो गया है। यही नहीं महागौरी स्वयं सहायता समूह की करीब 17 महिला सदस्यों ने वन क्षेत्र के पांच हेक्टेयर वन क्षेत्र यानि 62 बीघा वन भूमि में प्राकृतिक पुर्नउत्पादन की वृद्धि करने में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। आज सतीवाला की इन महिलाओं को वन क्षेत्र में वनीकरण के लिए मीलों दूर घास और ईंधन के लिए नहीं जाना पड़ रहा है। गांव के साथ ही महिलाओं को चारा-ईंधन की समस्याएं दूर हुई हैं। इस सफर की शानदार सफलता के अब तक 17 वर्ष पूरे हो गए हैं। वहीं 17 वर्षों से महागौरी स्वयं सहायता समूह ने इस वन क्षेत्र को जिसमंे केवल साल के बूढ़े पेड़ ही खड़े थे को न केवल प्राकृतिक पुर्नउत्पादन किया है, बल्कि महिलाओं ने जिन्हें अपनी जरूरतों को भी वन विभाग के सहयोग से पूरा किया है। महागौरी स्वयं सहायता समूह सतीवाला की प्रधान उषा शर्मा ने बताया कि पिछले 17 वर्षों से उन्होंने अपने क्षेत्र के पांच हेक्टेयर वन क्षेत्र में वन विभाग के सहयोग से नेपियर घास, लसुनिया, बिहुल, शहतूत, आम, आंवला इत्यादि का वनीकरण किया है जोकि लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व हमारे क्षेत्र में चारा ईंधन की भारी समस्याएं थी। हालत यह थी कि गांव में इन करीब 17 परिवारों में कोई भी पशुपालन नहीं कर पा रहा था। वन विभाग के जंगल बूढ़े साल वृक्ष से भरे थे, मगर इनके बीच में होने वाली मध्यम और छोटी ऊंचाई वाले अन्य पौधों की ग्रॉथ नहीं हो रही थी जिसके बाद परियोजना के तहत उन्होंने वनीकरण शुरू किया। इससे न केवल हमारी जरूरतें पूरी हुई हैं, बल्कि वन भी आज हरा-भरा हो गया है। वहीं इस दौरान महिला समूह को कृषि विभाग से झाड़ू बनाने वाली घास भी उपलब्ध हुई।

दुग्ध उत्पादन से भी आजीविका के द्वार खोले

वहीं महिलाओं ने पशुपालन से दुग्ध उत्पादन से भी आजीविका के दरवाजे खोले। उन्होंने बताया कि वनीकरण से साल के साथ अन्य सहायक पौधों मंे वृद्धि दर्ज हुई जिसने प्राकृतिक पुर्नउत्पादन में वृद्धि की। वहीं जिला में साल के वृक्ष वाले कई इलाके हैं जहां पर साल के वनों के साथ अंडर ग्रॉथ प्लांटेशन ही हैं, मगर महागौरी स्वयं सहायता समूह ने वनीकरण से वन की तस्वीर बदल दी है।