विजिलेंस करेगी तेल के खेल की जांच

भाजपा चार्जशीट में एचआरटीसी डीजल घोटाले के आरोपों की पड़ताल को सरकार ने दी मंजूरी

शिमला – वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में एचआरटीसी में डीजल में अनियमितताओं की जांच स्टेट विजिलेंस करेगी। प्रदेश सरकार ने विजिलेंस को तय समय पर प्रारंभिक जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू की अध्यक्षता में विजिलेंस अफसरों की अहम बैठक हुई, जिसमें भाजपा चार्जशीट में लगे आरोपों की जांच में तेजी लाने को कहा गया। बता दें भाजपा ने विपक्ष में रहते भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे, जिनमें से ऊना और पठानकोट एचआरटीसी पेट्रोल पंपों में डीजल घोटाला भी प्रमुख माना जा रहा है। इसे देखते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने विजिलेंस के अफसरों को जांच करने के निर्देश दिए। गौर हो कि भाजपा चार्जशीट में कहा गया था कि प्रदेश में एचआरटीसी के अपने 26 पंप हैं, लेकिन पूर्व सरकार ने अलग से एक फैसला लिया था कि बसों में डीजल की भरवाई प्राइवेट पेट्रोल पंपों से की जाएगी। आरोप के मुताबिक कई बसों में डीजल 100 लीटर डाला जाता था, लेकिन रिकार्ड में 120 लीटर की एंट्री की जाती थी, जिससे एचआरटीसी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। पहली जनवरी, 2013 से 31 अक्तूबर, 2014 के मध्य एचआरटीसी के पेट्रोल पंपों से एक करोड़ एक लाख 48 हजार 801 लीटर डीजल डाला गया, लेकिन वहीं प्राइवेट पेट्रोल पंपों से आठ करोड़ 83 लाख 96 हजार 746 लीटर तेल डाला गया। आरोप में कहा गया है कि पठानकोट डिपो में एक करोड़ 34 लाख 64 हजार 700 लीटर डीजल व ऊना डिपो एक करोड़ एक लाख 23 हजार 442 लीटर डीजल प्राइवेट डिपो से डलवाया गया। आरोप है कि एचआरटीसी द्वारा जिला सिरमौर में डीजल खरीद में कांग्रेस के विशेष नेता को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ी मात्रा में कोटेशन के आधार पर डीजल खरीद किया गया, जिसके टेंडर नहीं किए गए।

को-ऑपरेटिव सोसायटी के पूर्व अधिकारी पर गिरेगी गाज

जिला बिलासपुर में को-ऑपरेटिव सोसायटी के पूर्व रजिस्ट्रार पर विजिलेंस की गाज गिर सकती है। एक शिकायत के आधार पर पूर्व रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश सरकार ने दिए हैं। सरकार ने विजिलेंस के एसपी सहित अन्य  अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं। को-ऑपरेटिव सोसायटी के पूर्व अधिकारी के खिलाफ लोगों को ऋण देने पर गड़बड़ी की शिकायत आई है।