विष्णु मतलोड़ा का मंदिर सुलगा

मंडी के बालीचौकी में देर रात उठी लपटों ने बरपाया कहर

बालीचौकी –बालीचौकी क्षेत्र की ग्राम पंचायत सोमगाड़ में शनिवार रात जुही में बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा का प्राचीन मंदिर आग की भेंट चढ़ गया। अग्निकांड में मंदिर की सभी मूर्तियां जल गई हैं। बताया जा रहा है कि मंदिर एकांत में है। इसके चलते ग्रामीणों को आग लगने की सूचना थोड़ी देर बाद मिली। आग शनिवार रात करीब 11ः45 बजे लगी और देखते ही देखते कुछ घंटों में मंदिर जल गया। हालांकि ग्रामीणों ने आग बुझाने की भरसक कोशिश की, लेकिन सभी कोशिशें नाकाम रहीं। विभाग द्वारा अग्निकांड में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मंदिर के इतिहास को यहां के बजुर्ग भी नहीं जानते, क्योंकि यह मंदिर देव विष्णु मतलोड़ा के रथ से पहले बना है। यह मंदिर बड़ा देव मतलोड़ा की मंझी हार की दो हारिआयों का माना जाता था और कार्तिक माह में यहां दोनों हार के लोग बच्चों का मुंडन करते हैं। लोग व देवता कामी धामी कार्तिक माह में मुंडन के दिन ही मंदिर जाते हैं। इस दिन मंदिर मे हजारों श्रद्धालुओं अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। मंदिर के पुजारी गुमतराम, पुजारी बेलीराम, कारदार राम सिंह, कारदार बिर सिंह, भगत राम, पुजारी नोक सिंह, गूर लोभी राम, गूर खिम सिंह लहरटु, मेंबर नोक सिंह, धर्मदास, कर्म सिंह ठाकुर दास, पूर्ण चंद इत्यादि देवता के मुख्य कामी धामी हैं। इस मंदिर के जलने से दोनों हार के लोग सदमे में हैं। देवता कारदार वीर सिंह का कहना है कि मंदिर बनने का कोई इतिहास नहीं है। अग्निकांड में सारी मूर्तियां जल कर राख हो गई हैं। लोगों का कहना है कि इस मंदिर में पहले बच्चों की मुंडन प्रक्रिया होती है। इसलिए उन्होंने सरकार से मांग की है कि कि इस मंदिर को तुरंत आर्थिक मदद दी जाए।