शहनाज को छोटी उम्र में आया विवाह का प्रस्ताव

By: Sep 7th, 2019 12:15 am

सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी मां को समर्पित करते हुए जो किताब ‘शहनाज हुसैन : एक खूबसूरत जिंदगी’ में लिखा है, उसे हम यहां शृंखलाबद्ध कर रहे हैं। पेश है तेईसवीं किस्त…

-गतांक से आगे…

हालांकि उन्हें गाड़ी पर लगे पर्दों को देखकर अंदेशा था कि वह किसी रूढि़वादी परिवार से थीं। गहरे नीले रंग का पर्दा गाड़ी के पिछले हिस्से को, आगे ड्राइवर वाली सीट से भी अलग कर देता था। इशरत अपने दोस्त के रोज-रोज साथ आने से कुछ दुविधा में था, वह समझ नहीं पा रहा था कि नासिर क्यों रोज उसकी बहन को लेने के लिए आता है। अब समय आ गया था कि वह उनसे सीधे-सीधे इस सिलसिले में बात कर ले। ‘इशरत, वहां एक खूबसूरत लड़की है’, आखिरकार नासिर ने कहा, ‘जो स्कूल से बाहर आती है और इससे पहले कि मैं उसे देख पाऊं, वह कार में बैठकर निकल जाती है।’ ‘तो हमें पता लगाना होगा कि वह कौन है’, इशरत मुस्कुरा रहा था, अब उसे अपने दोस्त के रोज सेंट मैरी आने का राज पता लग गया था। उस दोपहर वह थोड़ा जल्दी वहां पहुंचकर उनके ड्राइवर से बात करने की कोशिश करने लगे, जो बेहद सख्त और कम बात करने वाला था। हालांकि आया, नूरां, एक हंसमुख महिला थीं, इंतजार की ऊब को मिटाने के लिए वह उन लड़कों से बात करने को तैयार थी। ‘हमारी बेबी बेग साहब की बेटी है। हाईकोर्ट के बड़े जज साहब की।’ वह खुद-ब-खुद ही सब बोलती चली गई, ‘बहुत ही शरारती, शहनाज बेबी, पता है वह मुझे कितना सताती है। हर रोज वह परदे से बाहर देखने की वजह से उनमें यहां-वहां छेद कर देती हैं और मेमसाहिब मुझ पे गुस्सा होती हैं। बड़ी बेबी बहुत ही प्यारी बच्ची हैं, लेकिन स्कूल की बहुत छुट्टी करती हैं।’ दोनों युवक बहुत ध्यान से हर बात सुन रहे थे, और जरूरी चीजें मन में नोट भी करते जा रहे थे। चतुर ड्राइवर ध्यान दे रहा था कि नूरां किस कदर लड़कियों के बारे में सब कुछ बताए जा रही थी, उसने उसे इशारा भी किया, लेकिन तब तक उस लड़की के बारे में रहस्य से पर्दा उठ गया था। वह शहनाज बेग थी, जस्टिस बेग की छोटी बेटी। कुछ दिनों बाद एक बड़ा सफेद लिफाफा जस्टिस बेग के घर पहुंचा, वह उनके पढ़े जाने वाले खतों के ढेर में शुमार होकर मेज पर पड़ा इंतजार करता रहा। वह बारी-बारी से एक-एक खत देख रहे थे, तभी उनकी नजर लिफाफे पर लिखे ‘प्राइवेट’ पर पड़ी। उन्होंने पलभर उसे हाथ में लेकर देखा और फिर लिफाफा खोलकर ध्यान से पढ़ने लगे। जब उन्होंने पढ़ा तो हैरानी से उनकी भवें तन गईं, उनकी ‘छोटी बबी’ के लिए निकाह का प्रस्ताव आया था। खत में, कानपुर के इन्कम टैक्स कमिश्नर, सैयद बशीर ने अपने बेटे नासिर और बेग साहब की छोटी बेटी, शहनाज के रिश्ते की बात रखी थी। हंसते हुए नसीरुल्ला बेग, आंगन में बैठी अपनी बेगम के पास गए। ‘बीबी, जरा देखो तो अपनी शहनाज के लिए रिश्ता आया है।’


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App