सपरून में खोखों का डिजाइन रिजेक्ट

सोलन नगर परिषद खर्च चुकी है एक करोड़ 20 लाख, केंद्र से आई टीम ने नकारे डिजाइन

सोलन –नगर परिषद सोलन द्वारा पिछले दो वर्षों से सपरून बाइपास पर निर्माणाधीन वेंडर जोन मार्केट विवादों में घिर गई है। इस आधे-अधूरे निर्माण पर एक करोड़ 20 लाख रुपए खर्च कर चुकी नगर परिषद द्वारा बनाए गए खोखों के डिजाइन को केंद्र से आई टीम ने रिजेक्ट कर दिया है। इसके बाद नगर परिषद के अधिकारी पसोपेश में हैं और अब वे नए सिरे से डिजाइन बनाने का मन बना रहे हैं। इस सारी कसरत के बीच बाइपास से विस्थापित होने वाले खोखाधारकों को इस वेंडर मार्केट में खोखे पाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि करीब दो वर्ष पूर्व सपरून बाइपास पर स्थित पार्किंग को तोड़ कर नगर परिषद द्वारा एक बहुमंजिला भवन बनाने का कार्य आरंभ किया गया था। इस तीन मंजिला भवन में ऊपर की दो मंजिलों में वेंडर मार्केट और सबसे नीचे पार्किंग बनाई जा रही है। इस भवन निर्माण के लिए करीब 90 लाख रुपए की लागत रखी गई थी, लेकिन दो वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी इस भवन पर एक करोड़ 20 लाख रुपए खर्च किया जा चुका है और अभी तक भवन अधूरा है। वहीं, हाल ही में इस वेंडर मार्केट का केंद्र से आई टीम ने भी निरीक्षण किया और उन्होंने वेंडर मार्केट में बनाए गए खोखों के डिजाइन को रिजेक्ट कर दिया। टीम ने यह भी सुझाव दिया कि इन खोखों को दिल्ली की तर्ज पर बनाया जाए। टीम द्वारा इस निर्माण को स्वीकार न करने पर नप अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं और अब वे इस समस्या को हल करने के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि इन प्रयासों के बीच खोखे मिलने की राह ताक रहे रेहड़ी-फड़ी धारकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

रेहड़ी-फड़ी धारक होंगे पुनर्स्थापित

शहर के दोहरी दीवार व सपरून बाइपास पर अधिकांश रेहड़ी धारक अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। लेकिन फोरलेन निर्माण के चलते इन रेहड़ी धारकों को यहां से उठाने के लिए नोटिस जारी हो चुके हैं। इसको देखते हुए नगर परिषद ने इन उजड़ने वाले रेहड़ी धारकों को फिर से बनाने के लिए इस वेंडर मार्केट का निर्माण कार्य शुरू किया था। लेकिन करीब दो वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है, जिससे खोखाधारकों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।