साझा सपनों का मिलन

By: Sep 24th, 2019 12:05 am

दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के दोनों सर्वोच्च नेताओं का ऐसा आलिंगन, ऐसा मिलन पहले कभी देखा है? यह उज्ज्वल भविष्य के लिए साझा सपनों का मिलन था या विश्व की दो महाशक्तियों ने अपने मिलन का एक बार फिर इजहार किया था? क्या अमरीकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री की ऐसी उत्साहित और सकारात्मक देह-भाषा का कोई उदाहरण मौजूद रहा है? अमरीका के सामने तो भारत सांप-सपेरों और 40-50 डालर वाला देश रहा है, लेकिन आज अमरीका के प्रांतों के 5 गवर्नर, करीब 50 सांसदों और कई बड़ी कंपनियों के सीईओ ने हमारे प्रधानमंत्री से मुलाकात की, उनके कसीदे गढ़े और सम्मान में तालियां बजाईं। 22 सितंबर की तारीख भारत, अमरीका और विश्व के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गई। अमरीकी राष्ट्रपति टं्रप और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी चहलकदमी करते हुए आपस में हाथ बांधे, चेहरों पर मुस्कान लिए,‘हाउडी मोदी’ के मंच पर आए, तो स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मोदी, मोदी के नारे गूंजने लगे। दोनों नेताओं ने शिद्दत से एक-दूसरे का अभिनंदन किया। दोनों अपने हाथ थामे रहे और भुजाएं तनकर हवा में लहरा उठीं। अमरीका और भारत गहरे संबंधों का संकल्प ले रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे दोनों लोकतंत्रों की दोस्ती का दिन करार दिया। दोनों ने साझा सपनों और उज्ज्वल भविष्य की बात कही। टं्रप ने भारत और मोदी को ‘वफादार दोस्त’ माना, तो मोदी ने अमरीका और टं्रप को ‘सच्चा दोस्त’ करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्टेडियम के दृश्य और माहौल को ‘अकल्पनीय’ कहा और मंच पर अमरीकी राष्ट्रपति की मौजूदगी को ‘दोस्ती का प्रमाण’ कहा। यह भी बोले-अमरीका में सुबह है, तो भारत में रात का वक्त है, लेकिन सभी टीवी देख रहे हैं, क्योंकि दोनों देश इतिहास बनने के साक्ष्य होना चाहते हैं। अमरीका के प्रख्यात फुटबॉल स्टेडियम एनआरजी में मौजूद 50,000 से ज्यादा अमरीकियों को पहले राष्ट्रपति टं्रप ने संबोधित किया, तो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को कई प्रमाण-पत्र दिए। मसलन-मोदी के नेतृत्व में भारत ने करीब 30 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और करीब 1.4 करोड़ लोग मध्यवर्ग से ऊपर उठे हैं। बेशक यह अद्भुत है। गौरतलब तो यह रहा, जब अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि अब भारत जिस तेजी से अमरीका में निवेश कर रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी! आपके साथ काम करके मैं दोनों देशों में पहले से ज्यादा समृद्धि चाहता हूं। राष्ट्रपति टं्रप ने अमरीका में बसे भारतवंशियों को ‘मेहनतकश’ माना और अमरीका की प्रगति में उनके योगदान को भी आंका। अमरीकी राष्ट्रपति ने खुलासा किया कि भारतवंशियों में बेरोजगारी 33 फीसदी कम हुई है। भारत को सप्लाई किए जाने वाले कच्चे तेल की मात्रा 400 फीसदी बढ़ाई गई है। कई रक्षा सौदों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सीमा सुरक्षा अमरीका और भारत के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है और इसी संदर्भ में अमरीकी राष्ट्रपति ने ‘इस्लामी आतंकवाद’ से लड़ने का अपना संकल्प साफ  किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि अमरीका में 9/11 और भारत के मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों के साजिशकार कौन थे और वे कहां से भेजे गए थे। पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही मोदी ने कहा कि 370 समाप्त करने पर उन्हें दिक्कत है, जो अपना देश संभाल नहीं पा रहे हैं। वे ही आतंकवाद के पनाहगाह हैं, लिहाजा अब आतंकवाद के खिलाफ  निर्णायक लड़ाई का वक्त आ गया है। राष्ट्रपति टं्रप इस मुद्दे पर हमारे साथ खड़े हैं। बहरहाल ह्यूस्टन के मेगा शो का यह मंच परोक्ष रूप से ‘चुनावी’ भी लगा। प्रधानमंत्री मोदी के सामने फिलहाल चुनाव की कोई चुनौती नहीं है, लेकिन अमरीका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘अब की बार, ‘टं्रप सरकार’ का नारा देकर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। हालांकि टेक्सस और ह्यूस्टन के भारतवंशी बुनियादी और मानसिक तौर पर डेमोक्रेट्स के समर्थक रहे हैं। संभव है कि मोदी के इस मेगा शो से टं्रप के चुनावी अभियान को फायदा मिले! प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 50 मिनट के संबोधन में ज्यादातर अपनी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को ही गिनवाया। वे अमरीकी भारतवंशियों के लिए नई हो सकती हैं, क्योंकि उन्हीं के जरिए ‘न्यू इंडिया’ की छवि उनके सामने स्पष्ट होगी, लेकिन प्रधानमंत्री ने यह महत्त्वपूर्ण खुलासा जरूर किया कि इस दो अक्तूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के दिन भारत ‘खुले में शौच’ से मुक्ति पा लेगा। बहरहाल दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच दोस्ती और मूल्यों का जो नया अध्याय शुरू हो रहा है, उससे भारत कितना लाभान्वित होगा, इसका आकलन आने वाले दिनों में करेंगे।


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