साहित्य आंगन बचा, बुक कैफ जल्द

एमसी कमिश्नर के साथ हिमालय साहित्य मंच की बैठक में फैसला, बुक कैफे में साहित्यकार-कैदियाें को मिलेगा पहले जैसा स्थान

शिमला –आखिरकार साहित्यकाराें ने शिमला मंे साहित्य आंगन को बचा ही लिया। साहित्यकाराें के  विरोध के स्वरांे पर विराम लगा और दिव्य हिमाचल की मुहीम भी रंग लाई। नजीता शिमला को तीन अन्य नए बुक कैफे खोलने का तोहफा भी साहित्यकारांे को मिल गया। ये कैफे संजौली, छोटा शिमला और टुटी कंडी मंे खोले जाने तय की जा रहे है, जिसके लिए संबंधित प्रशासन के साथ जल्द ही साइट देखी जाने वाली है। शिमला मंे शनिवार को हिमालय साहित्य मंच और एमसी कमिश्नर पंकज राय के साथ बैठक आयोजित हुई। बैठक के बारे मंे साहित्यकार एसआर हरनोट ने कहा कि शिमला बुक कै फे मंे साहित्यकारांे का स्थान पहले जैसा ही रखा गया है। वहीं कैदियांे के  लिए भी वही स्थान मिलेगा जो पहले उन्हें बुक कैफे मंे मिलता था। एसआर हरनोट ने कहा कि राज़धानी मंे शिमला बुक कैफे के अलावा तीन नए बुक कैफे खुलेंगे, जिसमंे साहित्यकारांे को विशेष स्थान दिया जाएगा। हालांकि एमसी कमिश्नर पंकज राय ने पहले ही ये साफ कर दिया था कि प्रशासन, साहित्यकारांे के विरोध मंे नहीं है लेकिन बुक कैफे भी एक बेहतर रूप मंे अपने विकास मंे तेजी लाए इसके लिए इसके लिए टंेडर आमंत्रित किए गए हैं। फिलहाल हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच, हिमाचल प्रदेश के लेखकों, कलाकारों एवं संस्कृति कर्मियों की ओर से प्रदेश मुख्यमंत्री के समक्ष भी अपनी आवाज उठाई थी। उनका कहना था कि इस बुक कैफे  का संचालन कारागार एवं सुधार सेवाएं, हिमाचल प्रदेश द्वारा पिछले दो वर्षों से बहुत कुशल एवं बेहतरीन तरीके से किया जा रहा था। एसआर हरनोट का कहना है कि यह बुक कैफे लेखकों और संस्कृति कर्मियों की सृजनात्मक बैठकों व अनौपचारिक गोष्ठियों के कारण देश भर में अलग तरह की पहचान बनाए हुए है। उक्त संस्था ने ही इन दो वर्षों में अब तक 60 से अधिक साहित्यिक गोष्ठियां यहां आयोजित कर ली हैं जिनमें प्रदेश और देश के मशहूर लेखकों ने बहुत उत्साहपूर्वक शिरकत की है। क्योंकि इसका संचालन कारागार के इनमेटस कर रहे हैं और बुद्विजीवियों, शोधार्थियों और पुस्तक प्रेमियों की सक्रियता का यह केंद्र बना हुआ है इसलिए देश और विदेश के मीडिया ने इसे एक लैंड मार्क की तरह सम्मानपूर्वक प्रचारित किया है।

कविताअाें से विरोध के स्वर खुशी में बदले

साहित्यकारांे को शिमला मंे तीन अन्य बुक कैफे खोलने के बाद अब साहित्यकार काफी खुश है। एसआर हरनोट का कहना है कि शनिवार को जो कविताआंे के माध्यम से विरोध के स्वर गोष्ठी के जरिए जनता तक पहुंचाएं जाने थे। अब उसे बदल दिया गया है। उन्हांेने कहा कि शिमला बुक कैफे मंे गोष्ठी क ा आयोजन तो किया गया, लेकिन उसमंे विरोध नहीं खुशी जाहिर की गई।

शिमला में साहित्यिक सोसायटी का होगा गठन

एमसी कमीशनर के साथ साहित्यकारांे की आयोजित बैठक मंे एक और अन्य अहम फैसला हुआ है जिसमंे शिमला साहित्यिक सोसायटी का गठन किया जाएगा, जो साहित्य उत्थान के  लिए अभी तक का सबसे बड़ा कदम बताया जा रहा है। इसमंे शिमला मंे साहित्य क्षेत्र मंे संबंधित प्रशासन के साथ कई नए कार्यक्रमांे का आयोजन किया जाने वाला है।