हाईटेक होंगे 12 सिविल हॉस्पिटल

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार बोले; अस्पतालों में मिलेंगी सारी सुविधाएं, मरीज नहीं होंगे रैफर

शिमला  – प्रदेश के 12 सिविल अस्पतालों को पूर्ण तौर पर हाईटेक किया जाएगा, जिसमें वे तमाम सुविधाए दी जाएंगी, जिसमें इलाज करवाने आए मरीजों को दूसरे अस्पताल न जाना पड़े। यहां तक कि उन्हें मेडिकल कालेज न जाना पड़े। प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री ने इस बारे में कहा है कि प्रदेश के 12 अस्पतालों को पूर्ण तौर पर हाईटेक करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पालमपुर में अनपूर्णा वेलफेयर सोसायटी के नाम से पंजीकृत सिविल अस्पताल है, एक समय शाम के निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाती है, जो रोगियों के साथ आए हुए हैं। यह योजना सफल सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि इसका विस्तार किया जाएगा। इसे लंच और ब्रेकफास्ट के समय के लिए भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि   आजकल हिमाचल प्रदेश में आयुष्मान पखवाड़ा मनाया जा रहा है, जिससे अंतर्गत लगभग 30 करोड़ रुपए एक साल में हिमाचल प्रदेश के लोगों के इलाज के ऊपर खर्च हुआ और हिमकेयर में लगभग 35 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो चुका है। यानी आयुष्मान में पांच लाख परिवार हैं और हिमकेयर में छह लाख 42 हजार परिवार हैं तथा सहारा योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता कोष इसमें ऐसी गंभीर बीमारियों का इलाज एक बड़ी राशि से होता है। उन्होंने यह भी कहा है कि जिस मरीज का इलाज जिस अस्पताल से होता है, वह सरकर को अस्टीमेट बनाकर अपनी एक अर्जी बनाकर दे और सरकार ऐसे लोगों को लाभ देने के लिए जिस अस्पताल में उनका इलाज होना है, वहां पर मदद भेजेगी। संस्थान में प्राकृतिक चिकित्सा से कायाकल्प किया जा रहा, वहां पर वीएमआई और विशेषज्ञ भी हैं तथा काफी  संख्या में लोगों की ओपीडी रहती है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रालय को एम्स, आयुष, आयुर्वेद के लिए प्रस्ताव भेजा है, क्योंकि बैजनाथ में सरकार के पास उपयुक्त भूमि है, जिसका उपयोग वहां बने फार्मेसी, थर्मल गार्डन को उसके साथ जोड़कर स्थापित किया जा सके।

तिबेतन थैरेपी का होगा अध्ययन

स्वास्थ्य मंत्री ने आयुर्वेद इलाज को भी विस्तार देने के  बारे में कहा है। उन्होंने कहा है कि आयुर्वेद आयुष और तिबेतन आमची पद्धति है। हिमाचल प्रदेश में भी आमची पद्धति है, परंतु इसका कुछ हद ही लाभ हो रहा है। इस तिबेतन थैरेपी का अध्ययन हिमाचल की टीम करेगी, ताकि उसका लाभ हिमाचल के लोगों को मिल सके।