हिमाचल को बीपीएल-फ्री करने की तैयारी

By: Sep 24th, 2019 12:01 am

हर साल एक लाख परिवारों को स्वरोजगार से जोड़ेगी प्रदेश सरकार, बंजर भूमि पर लगेंगे सेब और चंदन के पौधे

शिमला – प्रदेश सरकार हिमाचल को बीपीएल मुक्त करने की तैयारी में है। हर साल एक लाख बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार स्वयं हर क्षेत्र में विकास की राह तय कर देगी। यानी कोई भी बीपीएल परिवार बंजर भूमि का उपयोग करने में असहाय है, तो उसे प्रदेश सरकार डिवेलप करके देगी। ऐसे परिवारों को सेब के बागीचे सहित चंदन के पौधे लगाकर दिए जाएंगे। गरीबी रेखा से नीचे के इन परिवारों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर दिया है। इसके तहत किसी भी बीपीएल परिवार ने सेब के बागीचे विकसित करने हैं, तो उसे सरकार सेब के बागीचे तैयार करके देगी। बागीचे की देखभाल से लेकर अन्य काम संबंधित परिवार को करना होगा। इसके साथ-साथ गरीब परिवारों के पास बंजर जमीनें विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार चंदन के पौधे भी रोप कर देगी। राज्य सरकार ने इस साल एक लाख बीपीएल परिवारों को ऐसी योजनाओं से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। उसके बाद अगले साल एक लाख और उसके बाद फिर एक लाख को सरकारी योजनाओं से जोड़ेगी, ताकि ये बीपीएल परिवार आने वाले समय में बीपीएल से ऊपर आ सकें। राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने एक साल में एक लाख परिवारों को स्वरोजगार से जोड़ उन्हें बीपीएल से ऊपर लाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में बीपीएल परिवारों की संख्या दो लाख 82 हजार है। ये परिवार सालों से बीपीएल में हैं। लिहाजा इन्हें बीपीएल से उठाकर सामान्य वर्ग में लाने के लिए अब सरकार काम करेगी। सरकार अलग-अलग योजनाओं के तहत चुने गए बीपीएल परिवारों को रोजगार मुहैया करवाएगी और यदि कोई उसे नहीं अपनाएगा, तो उसे बीपीएल की सूची से बाहर भी किया जा सकता है। इसके साथ-साथ पंचायती राज विभाग गांवों में बने स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जाने वाले उत्पाद बेचने के लिए जिलों में काउंटर स्थापित करेगा। बाह्य शौचमुक्त करने की योजना के तहत जिन लोगों के घरों में एक पिट बनाए गए हैं, वहां डबल पिट बनाए जाएंगे।

20 दिन मनरेगा में करना होगा काम

पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग के मुताबिक बीपीएल परिवार को एक साल में कम से कम 20 दिन मनरेगा में काम करना होगा। हालांकि पहले 50 दिन का क्राइटेरिया रखा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद 20 दिन तय कर दिया गया है। मनरेगा में सराज की मुराग पंचायत में पड़ने वाले खूनाणी गांव को आदर्श ग्रीन हाउस विलेज के रूप में विकसित किया गया है। यहां के लोगों की आमदनी भी बढ़ाई गई, जो 60-70 हजार से दो लाख प्रति वर्ष तक पहुंची है।


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