हे इंद्रदेव! अब तो बरस जाओ

By: Sep 20th, 2019 12:20 am

पांवटा साहिब –उपमंडल पांवटा साहिब के गिरिपार के पहाड़ी इलाकों में पिछले एक महीने से अधिक समय से बारिश न होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। बरसात का मौसम सूखा ही चले जाने से मक्की की फसल पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। अब भी क्षेत्र के किसान रोज आसमान पर टकटकी लगाकर इंद्र देव से बारिश की प्रार्थना कर रहे हैं, ताकि फसल पूरी तरह तबाह होने से बच सके। जानकारी के मुताबिक गिरिपार के शिलाई क्षेत्र में पिछले एक महीने से भी अधिक समय से बारिश नहीं हुई है, जिस कारण मक्की की फसल सूखे की चपेट में आ गई है। किसानों के मुताबिक यह वो समय था, जब फसल को बारिश की बहुत जरूरत थी, लेकिन इस बार इंद्रदेव के रुष्ट होने से इलाके के किसान परेशानी में हैं। किसानों के मुताबिक अब मक्की की फसल पर संकट आ गया है और किसानों के भूखे मरने की नौबत आने लगी है। जानकारी के मुताबिक गिरिपार के कफोटा कस्बे के साथ लगती एक दर्जन पंचायतों दुगाना, बोकाला पाब, शिल्ला, कमरउ, बड़वास, टटियाणा, ठोंठा जाखल, कोटापाब, शावगा, जामना, शरली मानपुर, कांडो च्योग आदि सहित जैल भोज की कांटीमश्वा, कोड़गा, सखोली, कठवाड़, चांदनी और सतौन आदि पंचायतों के सैंकड़ों गांव सहित शिलाई क्षेत्र की दर्जनों पंचायतें पिछले लगभग एक महीने से बिन बारिश के सूखे की स्थिति से जूझ रहे हैं। इन पंचायतों में मक्की की फसल व्यापक पैमाने पर लगाई जाती है, जो किसानों को सालभर की रोटी प्रदान करती है। क्षेत्र की 90 से 95 फीसदी पंचायतों मे खेती आसमानी बारिश पर निर्भर है। ऐसे मे बरसात के मौसम में भी इतने लंबे समय तक बारिश न होने के कारण मक्की गर्मी की बजह से जबरन फूल दे रही है। यही नहीं कई स्थानों पर तो खेतों में पौधे ही सूखने लगे हैं। जानकार किसान हृदय राम पुंडीर, इंद्र सिंह, जगत सिंह, गुलाब सिंह, बलबीर सिंह, रघुवीर सिंह, माया राम, कुंदन सिंह आदि का कहना है कि अगस्त और सितंबर के महीने मे मक्की की फसल को बारिश की बहुत जरूरत होती है। ये ऐसा समय है, जब मक्की की फसल हर दूसरे या तीसरे दिन पानी मांगती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया और एक माह से बारिश न होने से फसल तबाह हो गई। ऊपरी असिंचित इलाकों में मक्की के अलावा अदरक और मौसमी सब्जी पर भी सूखे के कारण प्रभाव पड़ा हैं। उनका कहना है कि राजस्व विभाग क्षेत्र में सूखे की मार झेल रही मक्की की फसल की रिपोर्ट तैयार करवाकर सरकार को भेजे,ं ताकि किसान को मुआवजे के तौर पर कुछ तो राहत मिल सके। उधर, इस बारे में तहसीलदार कमरउ मनमोहन जिस्टु ने बताया कि पटवारियों से सर्वे करवाकर रिपोर्ट

मंगवाई जाएगी।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App