हैल्थ डिपार्टमेंट से 50 करोड़ का करार लाएगा रंग

By: Sep 19th, 2019 12:20 am

प्रदेश की स्वास्थ्य में सहभागिता योजना में पहला आवेदन दर्ज, दो बार किया गया संशोधित, छह माह बाद दर्ज किया केस

शिमला -हिमाचल मंे इंवेस्टर मीट की गर्माहट के बीच प्रदेश स्वास्थ्य की झोली मंे आखिरकार स्वास्थ्य मंे सहभागिता योजना के तहत उसका पहला आवेदन दर्ज हो ही गया। लगभग छ माह के लंबे इंतजार के बाद स्वास्थ्य विभाग के तहत उक्त योजना मंे  सिटी हास्पिटल कांगड़ा से लगभग 50 करोड़ का एमओयू साइन हो गया है। हिमाचल के लिए ये अब ये सुखद समाचार है क्यांेकि स्वास्थ्य मंे सहभागिता योजना के तहत अभी तक कोई भी आवेदन स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिल पाया था।  गौर हो कि प्रदेश मंे हेल्थ स्टैंडर्ड को अपग्रेड करने के लिए लगभग छ माह पहले स्वास्थ्य मंे सहभागिता योजना की अधिसूचना जारी कर दी गई थी। इससे प्रदेश मंे निजी अस्पतालांे को खोलने का रास्ता साफ किया गया था, जिससे प्रदेश के मरीज़ को भी एक सस्ते इलाज के साथ लाभ मिल सके और प्रदेश के मेडिकल कॉलेजांे मंे मरीज़ांे का दबाव भी कम हो सके। गौर हो कि स्वास्थ्य विभाग भी इस योजना को शुरू करने को लेकर काफी उत्साहित था लेकिन क ाफी समय के बाद अब जाकर एक ही आवेदन इस योजना के तहत अभी प्राप्त हुआ है। इस योजना के अतंर्गत सरकारी क्षेत्रीय अस्पताल व आँचलिक अस्पताल अथवा योजना के तहत खोले गए अन्य निजी अस्पताल के 10 किलोमीटर के दायरे से बाहर कोई भी निजी स्वास्थ्य संस्थान खोला जा सक ता है। इस योजना पर गौर करें तो पहले निजी अस्पताल खोलने की शर्त बीस किलोमीटर थी जिसे संशोधित करके दस किलोमीटर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत जो एमओयू हुआ है उसमंे सिटी सुपर स्पेलिटी अस्पताल खोला जाना तय किया जा रहा है। स्वास्थ्य निदेशक डॅा अजय का गुप्ता की माने तो इस एमओयू के अलावा अब उम्मीद बंधी है कि प्रदेश मंे और भी निवेशक आगे आएंगें। फिलहाल स्वास्थ्य मंे सहभागिता योजना पर गौर करें तो बहु विशेषज्ञ अस्पताल के लिए दो करोड़ रूपए का निवेश करने पर 25 प्रतिशत पूंजीगत अनुवृति  देने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त डेढ़ करोड़ रूपए के ऋण पर 5 प्रतिशत इंट्रस्ट सब्सिडी 3 वर्ष के लिए दी जाएगी। सुपर स्पैशिलिटि अस्पताल कहीं पर भी खोला जा सकता है। जिसमें 10 किलोमीटर की बाध्यता नहीं होगी तथा 25 प्रतिशत केपिटल सब्सिडी का प्रावधान 5 करोड. रूपए के निवेश तक प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही सुपर स्पैशिलिटि अस्पताल के लिए 5 प्रतिशत  इंट्रस्ट सब्सिडी 3 करोड. रूपए के ऋण के लिए 3 वर्ष तक प्रदान की जानी तय की गई है।

सुपरस्पेशलिटी का खुलेगा रास्ता

सुपरस्पेशिलिटी में कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, पीडियाट्रिक, सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी या अन्य कोई भी सुपर स्पैशिलिटि सर्विसस खोली जा सकती है। डा.ॅ गुप्ता ने निजी स्वास्थ्य सेवाओं प्रदाताओं से इस योजना के अतंर्गत अपनी अधिक सहभागिता बढाने का आह्वान किया ताकि प्रदेश वासियों को घर द्वार के करीब उतकृष्ट एवं गुणवतापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके और एक स्वस्थ प्रदेश का निर्माण किया जा सके।

 


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