20 से 60 रुपए किलो जा पहुंचा प्याज

करसोग-रसोई की शान कहे जाने वाला प्याज पिछले लगभग एक महीने के दौरान लगभग 20 रुपए किलो से अचानक ऊंची छलांग लगाते हुए लगभग 60 रुपए किलो तक पहुंचते हुए महंगाई के आंसू रुलाने को पहुंच चुका है। लगभग एक महीने के दौरान प्याज की कीमत में 40 किलो की बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में हालात यही रहे तो प्याज रसोई से गायब होना निश्चित है। एक तरफ  जहां प्याज महंगाई की तस्वीर दिखा रहा है तो वहीं हरा मटर भी लगभग 100 रूप्ए किलो हो चुका है जो आम परिवारों की खरीद से बाहर होता जा रहा है। बावजूद इसके महंगाई होने की दुहाई वाली आवाज कम ही सुनाई पड़ रही है शायद फ्री डाटा के चक्कर में आम लोग यही सोच कर मन को मना रहे हैं कि चलो प्याज नहीं खाएंगे, मटर नहीं खाएंगे, परंतु क्या इस प्रकार आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित नहीं होगा। इस पर गौर किए जाने की आवश्यकता है। जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान ने कहा की हरी सब्जियां महंगाई के आसमान को छू रही हैं उनमें नियंत्रण लाने के लिए सरकार को कुछ प्रयास करने होंगे तथा किसानों को भी नकदी फसलों के उत्पादन को लेकर अपने प्रयास तेज करने चाहिए, ताकि इस प्रकार की स्थिति होने पर स्थानीय तौर पर इसका हल निकले व किसानों को भी आर्थिक मजबूती मिल सके। बताया गया कि लगभग एक महीने के दौरान ही प्याज 20 रुपए किलो से 60 रुपए किलो तक पहुंचना चिंता का मामला है तथा सभी प्रकार की हरी सब्जियां दामों में भारी उछाल खाए हुए हैं जिस पर प्रशासनिक तौर पर भी कड़ी नजर रहनी चाहिए कि थोक में किस भाव सब्जियां आ रही हैं और रिटेल में किस प्रकार बिक रही हैं। वही स्थानीय तौर पर पैदा होने वाला टमाटर भी महंगा है हरी सब्जियों में बीन, गोभी आदि सब के दाम बढ़ते जा रहे हैं इस प्रकार रसोई का चलना मुश्किल होता जाएगा जिस पर नियंत्रण लाने के लिए सरकार द्वारा कुछ न कुछ प्रयास जल्द किए जाने चाहिए।