2898 हादसे लील गए 1910 की जान

‘पंजाब सड़क दुर्घटना ब्लैक स्पॉट्स की पहचान और सुधार’ रिपोर्ट में खुलासा

चंडीगढ़  – मिशन तंदुरुस्त पंजाब के अंतर्गत चलाए जा रहे प्रोग्राम ‘पंजाब सड़क दुर्घटना ब्लैक स्पॉट्स की पहचान और सुधार’ की पहली रिपोर्ट तंदुरुस्त पंजाब मिशन के डायरैक्टर काहन सिंह पन्नू द्वारा जारी की गई है। पन्नू ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह के दिशा निर्देशों के अंतर्गत पंजाब सड़क एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट्स की यह रिपोर्ट तंदुरुस्त पंजाब मिशन अधीन पंजाब विजन जीरो एक्सीडेंट टीम ने पंजाब पुलिस के ट्रैफिक विभाग के साथ मिलकर तैयार की है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के पहले हिस्से में राज्यभर के 12 जिलों में 391 पंजाब रोड एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है। इनमें से 256 (65 प्रतिशत) ब्लैक स्पॉट्स पंजाब के राष्ट्रीय राजमार्गों पर, 66 (17 प्रतिशत) स्पॉट्स पंजाब की लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर, 42 (11 प्रतिशत) शहरी सड़कों पर और 27  ग्रामीण सड़कों पर हैं। मिशन डायरैक्टर ने आगे कहा कि इन 391 सड़क दुर्घटना ब्लैक स्पॉट्स में पिछले तीन सालों (2016 से 2018) के दौरान, 2898 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1910 लोग मारे गए, 1401 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और 488 लोगों को अन्य चोटें आईं।

मोहाली में हुईं सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं

ब्लैक स्पॉट्स की जिलावार जानकारी देते हुए श्री पन्नू ने कहा कि मोहाली जिले में सबसे अधिक 92 सड़क दुर्घटना ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है, इसके बाद लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट के अधिकार क्षेत्र में आते 91 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई। इसके अलावा, अमृतसर पुलिस (ग्रामीण) के अधिकार क्षेत्र में 6, अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट के अधीन 23, बटाला में 9, गुरदासपुर में 12, तरन तारन में 8, जालंधर पुलिस कमिश्नरेट अधीन 21, मोगा में 9, पटियाला में 55, रूपनगर में 30, शहीद भगत सिंह नगर में 21, बठिंडा में आठ और संगरूर में छह ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार उस सड़क को एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट माना जाता है, जिस सड़क के किसी भी 500 मीटर हिस्से में पिछले तीन सालों के दौरान पांच से अधिक हादसे घटते हैं, जिससे मौत/गंभीर चोटें पहुंचने या ऐसी जगह जहां, पिछले तीन सालों में सड़क हादसों के दौरान 10 व्यक्तियों की जानें गई हों।