7.78 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए

आयुष्मान में नंबर वन पर आईजीएमसी; आठ हजार को लाभ, एक साल में 10 करोड़ 76 लाख रुपए की दी राहत

शिमला –आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को राहत दिलाने में आईजीएमसी शिखर पर पहुंच गया है। इस योजना के तहत एक साल की अवधि में आईजीएमसी में आठ हजार 755 मरीजों को लाभ मिला। जिस पर 10 करोड़ 76 लाख रूपय रकी राहत राशि दी गई। सोमवार को आयुष्मान योजना के एक साल पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत 7ण्78 लाख से अधिक लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं। उन्होंने हिम केयर योजना को प्रदेश में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शत-प्रतिशत जनसंख्या को इस योजना के तहत लाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने इस अवसर पर कहा कि यह देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। जिसके तहत समाज के निर्धन व कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित तथा स्वस्थ जीवन शैली अपनाने पर बल दिया। विशेष सचिव स्वास्थ्य डॉ. निपुण जिंदल ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा अन्यों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस योजना को प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए वचनबद्ध है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना के तहत लाया जा सके। आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. मुकुंद लाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. रवि चंद शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. अजय गुप्ता, मेडिकल कॉलेज टांड़ा के प्रधानाचार्य डा. भानु अवस्थी, आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक राज तथा प्रदेश के विभिन्न जिला के मख्य चिकित्सा अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।