अध्यापकों को दी रिपोर्ट कार्ड बनाने की ट्रेनिंग

By: Oct 19th, 2019 12:20 am

बिलासपुर में बेसलाइन-मिडलाइन-एंडलाइन डाटा भरने पर शिक्षक किए जागरूक

बरठीं –समग्र शिक्षा हिमाचल प्रदेश द्वारा प्री प्राइमरी कक्षाओं की शुरुआत वर्ष 2018-19 में 3391 स्कूलों में अक्तूबर माह में की गई थी। इसके अंतर्गत चार और पांच वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के निःशुल्क शिक्षा देने का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है। वर्ष 2019 और 20 के अंतर्गत प्री प्राइमरी स्कूलों की संख्या बढ़कर 3740 हो गई है। इसमें 40,000 से भी अधिक नामांकन दर्ज हुआ है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्राथमिक शिक्षकों एवं ग्राम प्रबंधन समितियों अभिभावकों व जनमंच के कार्यक्रमों में चर्चा और बौद्धिक विकास एवं बच्चों के मूल्यांकन के लिए रिपोर्ट कार्ड भरने के लिए बेसलाइन, मिडलाइन और एंडलाइन डाटा भरने की विस्तृत जानकारी अध्यापकों को दी गई। रिसोर्स पर्सन के रूप में संजय सामा डाइट को-आर्डिनेटर, प्री प्राइमरी बीआरसीसी पीएल बंगा एवं प्रथम टीम से पूजा शर्मा ने प्रशिक्षण को तरह-तरह की गतिविधियां द्वारा इस कार्यक्रम को पूर्ण करवाया। प्रशिक्षण के प्रथम दिन में डाइट प्रधानाचार्य राकेश पाठक ने प्रशिक्षण का मूल्यांकन किया और अध्यापकों को प्रशिक्षण के महत्त्व बताए। साथ ही अध्यापकों द्वारा अभिभावकों के घर द्वार जाकर बच्चों को स्कूल में शुरू हुई प्री प्राइमरी कक्षाओं में दाखिला लेने के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक नामांकन प्री प्राइमरी कक्षा में हो सके। इस अभियान को गति प्रदान करने के लिए विभाग के आदेशानुसार शिक्षा खंड घुमारवीं प्रथम में तीन दिवसीय 14 से 16 अक्तूबर तक प्री-प्राइमरी अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें अध्यापकों को गतिविधियों के माध्यम से भाषाई शारीरिक सामाजिक सर्वे आत्मक और अध्यापकों का मनोबल बढ़ाया। अंत में शिक्षा उपनिदेशक प्राथमिक जिला बिलासपुर सुदर्शन कुमार ने अध्यापकों को शिक्षण से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिए तथा शिक्षकों को प्रोत्साहित किया।

हरनोड़ा के सीता राम ने उगाए आम

बरमाणा -यदि फलों की बात होती है तो सबसे पहले आम का नाम सामने आता है। जब आम की बात हो और मुंह में पानी न आए ऐसा हो नहीं सकता है। आम ऐसा फल है जो सभी को पसंद होता है। इन दिनों बागीचों में फलों के राजा कहलाने वाले आम का लगना किसी अचंभे से कम नहीं है। जी हां अभी भी इन दिनों कोलडैम क्षेत्र के ग्राम पंचायत हरनोड़ा निवासी सीता राम ठाकुर और बलदेव ठाकुर दोनों भाइयों के बागीचों में अभी भी आमों के गुच्छे झूमते दिखाई दे रहे है। उनके बागीचे में एक पेड़ आमों के फलों से लबालब भरा पड़ा है। इन आमों को देखने के लिए आए दिन देवला-छांब में लोगों का तांता लगा हुआ है। बागीचे के मालिक सीता राम ठाकुर ने बताया कि अभी भी इस पेड़ पर आम लगे हुए हैं। इस तरह के और भी पेड़ हैं जिनमें एक वर्ष छोड़ कर दूसरे वर्ष में इन महीनों तक पेड़ आम के फलों से भरे रहते हंै।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

जिला बिलासपुर के बागबानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डा. विनोद शर्मा ने बताया कि फलों के राजा कहलाने वाले फल आम का अब तक लगे रहना जलवायु पर निर्भर करता है। जलवायु के अनुकूल इन क्षेत्रों में अभी तक पेड़ों में आम के फलों का टिका रहना संभव है। इस तरह के पेड़ों की दो किस्मे होती है, जिन्हें हम सदाबहार पौधे भी कह सकते है। आम इन महीनों में अन्य क्षेत्रों में देखे गए हैं।

 


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