उपचुनाव में गरमाया सियासी पारा और उछाल पर
कांगड़ा में दिवाली के पटाखों के धमाके कम; पर उपचुनाव में हार के बाद एक-दूसरे पर फोड़े जा रहे पटाखों का शोर ज्यादा, बिगड़ते हालात संभालने वाला है कोई नहीं
धर्मशाला – विधानसभा उपचुनाव के लिए गरमाया कांगड़ा का सियासी पारा फिलहाल ठंडा होता नहीं दिख रहा। दिवाली से ठीक पहले हुए उपचुनाव के सियासी पटाखे एक-दूसरे के सिर खूब फोड़े जा रहे हैं। ऐसा उपचुनाव हार चुकी कांग्रेस ही नहीं, बल्कि जीत का स्वाद चखने वाली भाजपा में भी चल रहा है। कांग्रेस में हार और गुटबाजी के चलते एक-दूसरे को नीचा दिखाने का राजनीतिक खेल चल रहा है, तो बीजेपी में जीत के बाद लीड और बूथ वाइज समीक्षा को आधार बनाकर एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं। यहां जीत का श्रेय लेने को होड़ मची हुई है। पटाखों के धमाकों से ज्यादा आरोप-प्रत्यारोपों से धमाके हो रहे हैं। कयास लगाए जा रहे थे कि उपचुनाव होने के बाद सियासी तूफान थम जाएगा, लेकिन हालत देखें, तो चुनावों के बाद मामला सुलझाने के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला खुलेआम चल रहा है। कांग्रेस के कार्यकर्ता तो खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस में भी वीरभद्र सिंह के बीमार होने के बाद इस हालत को संभालने वाला कोई नहीं दिख रहा। न ही कोई पहल कर रहा है। उपचुनाव में हार का ठीकरा एक-दूसरे के सिर फोड़ने वाले दोनों पक्ष पार्टी के भीतर मामला रखने के बजाय सीधे जनता के दरबार में जा रहे हैं, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि संगठन कितना मजबूत है। उधर, भाजपा के हालात देखें, तो यहां भी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है। पहले तो यह विद इन पार्टी ही था, लेकिन अब भाजपा के पदाधिकारी भी खुलकर बगावत करने लगे हैं। मंडल व जिला के संगठनात्मक चुनावों को लेकर भाजपा में भी कांगड़ा जिला के कई क्षेत्रों में विरोध की चिंगारियां खूब फूट रही हैं। ये चिंगारियां शोले का काम न करें, इसके लिए भाजपा को भी पहले ही कार्यकर्ताओं में सामंजस्य बिठाना पड़ेगा।
जिम्मेदारी न निभाने वालों के खिलाफ मांगी कार्रवाई
भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष राकेश चौहान, जिला महासचिव रूपेश शर्मा, जिला सचिव सुमन चौधरी, किसान मोर्चा के मंडलाध्यक्ष राकेश चौधरी ने अपनी ही पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उपचुनाव में जिम्मेदारी न निभाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई है। उन्होंने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती व मुख्यमंत्री से तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप कर जांच करवाने की मांग की है। उनका कहना है कि पार्टी व सरकार में बैठे कई वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ चर्चाएं चल रही हैं। संगठन इस सब की जांच करवाए और भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिससे पार्टी को भविष्य में किसी तरह का नुकसान न हो।
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