ऊना में करवाचौथ… पुरुष शिक्षकों पर भारी

ऊना में महिला शिक्षकों के छुट्टी पर रहते पुरुष अध्यापकों को करना पड़ा दिक्कतों का सामना, 900 महिला शिक्षक छुट्टी पर

ऊना –जिला के अंतर्गत प्राइमरी स्कूलों में तैनात पुरुष शिक्षकों पर करवाचौथ का व्रत भारी पड़ा है। इन शिक्षकों पर यह समस्या कोई घरेलू नहीं बल्कि करवाचौथ के व्रत पर महिला शिक्षकों के छुट्टी पर रहने के चलते हुई है। हालांकि करवाचौथ के व्रत पर महिला स्टाफ की छुट्टी अनिवार्य की गई है। इसके चलते प्राइमरी स्कूलों में तैनात महिला शिक्षक छुट्टी पर रहीं, लेकिन प्राइमरी स्कूलों में गुरुवार को शिक्षा का माहौल महज औपचारिकता ही बना रहा। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिला में प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा पुरुष शिक्षकों को अन्य स्कूल में डेपुटेशन पर भेजा गया। यही नहीं जहां पर शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पाई उन स्कूलों को छुट्टी घोषित की गई, लेकिन यदि इस तरह की छुट्टी यदि अन्य स्टाफ को भी दे दी जाती तो प्राइमरी स्कूलों में तैनात पुरुष स्टाफ कुछ न कुछ राहत महसूस तो करता, लेकिन इस दिन पुरुष वर्ग को राहत मिलने के बजाये समस्या ही झेलनी पड़ी। एक अनुमान के अनुसार करीब 70 फीसदी प्राइमरी स्कूलों में महिला स्टाफ और करीब 30 फीसदी पुरुष स्टाफ तैनात है तो इस तरह की समस्या होना स्वभाविक ही है। जिला के 499 प्राइमरी स्कूलों में करीब 1300 शिक्षकों की ड्यूटी है, लेकिन करवाचौथ व्रत के मौका पर करीब 900 महिला शिक्षक छुट्टी पर रहीं। वहीं, शेष 400 पुरुष शिक्षकों पर 499 स्कूलों में नौनिहालों की पढ़ाई का जिम्मा रहा। ऐसे में इन शिक्षकों ने भी नौनिहालों को पढ़ाई करवाई। हालांकि पुरुष स्टाफ निर्धारित ड्यूटी के तहत अपनी ड्यूटी पर पहुंचा, लेकिन स्कूलों में अपेक्षानुसार पढ़ाई भी नहीं हो पाई। स्कूली नौनिहाल भी मस्ती में ही दिखे। इसके चलते सरकार, शिक्षा विभाग को आगामी भविष्य में इस ओर उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। हालांकि अवकाश घोषित करना सरकार के अधिकार क्षेत्र में ही है, लेकिन व्यवस्थाओं को देखते हुए इस ओर उचित कदम उठाए जाने चाहिए। यदि स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था भी महज औपचारिकता ही बने रहे तो इस ओर उचित कदम उठाए जाने चाहिए।