एनएच पर सफर ज्यादा खतरनाक

By: Oct 29th, 2019 12:01 am

पालमपुर – प्रदेश में वाहनों की लगातार बढ़ रही संख्या और लोगों का सफर सुविधाजनक बनाने के लिए नेशनल हाईवेज की संख्या बढ़ाई जा रही है। आने वाले समय में नेशनल हाइवेज का काफी लाभ वाहन चालकों को मिलेगा, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि प्रदेश में अब तक निर्मित नेशनल हाईवेज अन्य मार्गों के मुकाबले दुर्घटनाओं का गवाह बन रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर जारी दुर्घटनाओं के ग्राफ में प्रदेश के 2014 से 2017 के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में नेशनल हाइवेज पर हादसों की संख्या बढ़ रही है। वहीं, इनमें मरने वालों की तादाद में भी इजाफा हो रहा है। 2014 में प्रदेश में हुई कुल 3058 सड़क दुर्घटनाओं मे 1199 लोगों की जान गई थी और 5680 घायल हुए थे। इनमें से नेशनल हाईवे में पेश आए हादसों का आंकड़ा 1242 था, जिसमें 389 की मौत और 2067 घायल हुए थे, जबकि स्टेट हाईवे पर हुए 698 हादसों में 212 लोग मौत का ग्रास बने और 1220 घायल हुए। 2015 में प्रदेश में कुल 3010 सड़क दुर्घटनाओं में 1097 लोगों की मौत हुई और 5109 घायल हुए थे। इनमें से राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर 1211 और राज्य उच्च मार्गो पर 634 दुर्घटनाएं हुई। 2016 में प्रदेश में कुल 3153 सड़क दुर्घटनाओं में 1163 लोगों ने जान गंवाई और 5587 घायल हुए। इनमें से 1475 सड़क हादसे नेशनल हाईवेज पर पेश आए, जिसमें 478 लोगों की मौत और 2435 लोग घायल हुए। स्टेट हाईवेज पर पेश आए 820 हादसों में 360 लोग मारे गए और 1518 को चोटें आईं। 2017 में प्रदेश 3119 सड़क हादसों का गवाह बना, जिसमें 1176 की जान चली गई और 5338 लोग घायल हुए। इनमें से 1460 हादसे ंनेशनल और 820 दुर्घटनाएं स्टेट हाईवेज पर हुईं। नेशनल हाईवेज पर हुए हादसों में 528 लोग मौत का शिकार बने, वहीं 2576 का नाम घायलों में दर्ज हुआ। वहीं स्टेट हाईवेज की दुर्घटनाओं में 257 लोग मारे गए और 1281 घायल हुए। विभिन्न सड़कों पर जहां रोजाना औसतन तीन से अधिक सड़क दुर्घटनाएं पेश आ रही हैं,


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