एमर्जेंसी में रोहतांग टनल से गुजरेंगे लोग

बीआरओ ने बनाई योजना, सर्दियों में लाहुल के लोगों को नहीं झेलनी पड़ेगी दिक्कत

मनाली –रोहतांग टनल के द्वार 30 अक्तूबर के बाद लाहुल-स्पीति के लोगों के लिए खोल दिए जाएंगे। एमर्जेंसी में लाहुल के लोग टनल से जहां आ-जा सकेंगे, वहीं बीआरओ ने रोहतांग टनल से लोगों की आवाजाही की तैयारियां भी पूरी कर ली है। चार हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रही रोहतांग टनल का जहां निर्माण कार्य बीआरओ ने युद्ध स्तर पर चला रखा है, वहीं केंद्रीय रक्षा मंत्रालय भी रोहतांग सुरंग के निर्माण कार्य पर नजर रखे हुए है। रोहतांग टनल के भीतर सेरी नाले के रिसाव ने जहां बीआरओ को सुरंग के निर्माण कार्य में चुनौतियां पैदा कर डाली थी, वहीं सीमा सड़क संगठन ने सेरी नाले से निपटते हुए सुरंग का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी रखा हुआ है। या यूं कहें कि बीआरओ ने सेरी नाले का समाधान निकाल लिया है। सेरी नाला लंबे समय से बीआरओ सहित टनल का निर्माण कार्य कर रही कंपनी स्ट्रॉबेग व एफकॉन के लिए सरदर्द बना था। बीआरओ ने इस समस्या का पहले अस्थायी हल निकालते हुए जहां सेरी नाले के समीप वैली ब्रिज का निर्माण किया था,वहीं अब बीआरओ ने यहां कंकरिट का बड़ा ब्रिज तैयार कर लिया है। ऐसे में सेरी नाले का पानी अब टनल के भीतर वाहनों की आवाजाही को किसी भी सूरत मंे नहीं रोक पाएगा। ऐसे में इस साल सर्दियों में जहां लाहुल-स्पीति के लोगों की आवाजाही एमर्जेंसी में रोहतांग सुरंग से असानी से हो सकेगी, वहीं बीआरओ ने यह ऐलान किया है कि 30 अक्तूबर के बाद आपदा के समय लाहुल-स्पीति के लोगों की आवाजाही असानी से रोहतांग सुरंग से हो पाएगी। ऐसे में बीआरओ ने 30 अक्तूबर के बाद एमर्जेंसी मंे लोगों के लिए रोहतांग सुंरग से आवाजाही के लिए हरी झंडी दे दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने रोहतांग सुरंग के उद्घाटन की योजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिन पर 25 दिसबंर को करने की बनाई है, लेकिन बीआरओ की माने तो रोहतांग सुरंग वर्ष 2020 के सितंबर में ही बनकर तैयार हो सकेगी। बीआरओ द्वारा रोहतांग सुरंग का निर्माण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। उधर, रोहतांग टनल के चीफ इंजीनियर केपी पुरुशोतमन ने बताया कि रोहतांग सुरंग में सेरी नाले के रिसाब का भी स्थायी समाधान निकाल लिया गया है। मात्र कुछ मीटर कार्य शेष रह गया है,जिसे 31 अक्तूबर से पहले पूरा कर लिया जाएगा। बीआरओ का प्रयास रहेगा कि 31 अक्तूबर के बाद लाहुल के लोग आपदा व विपदा के समय  रोहतांग सुरंग का प्रयोग कर सकें। रोहतांग सुरंग का सिविल वर्क लगभग पूरा कर लिया गया है व इलेक्ट्रिक वर्क्स को भी गति दे दी गई है।