एसवीएम ने मनाया वार्षिंक समारोह

 छात्रों ने दीं एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज रहे मुख्यातिथि

शिमला –शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ सांस्कृतिक व खेलकूद गतिविधियां भी आवश्यक हंै, ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके। ये विचार शिक्षा, विधि एवं संसदीय मामले मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सरस्वती विद्या मंदिर द्वारा कालीबाड़ी हाल में आयोजित वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह मे व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वार्षिक पारितोषिक उत्सव एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसमें सालभर की गतिविधियों में भाग लेने वाले उत्कृष्ट बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। जिससे बच्चों को और आगे बढ़ने की प्रेरणा तथा आत्म निरक्षण करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि देशभर में सरस्वती विद्या मंदिर के लगभग 36 हजार स्कूलों में शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिसमें से लगभग 217 स्कूल हिमाचल में कार्यरत है, जो बच्चों का शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को नैतिक व संस्कारयुक्त शिक्षा को महत्व दें, ताकि उनमें राष्ट्रीयता की भावना उत्पन्न हो सकें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश में शिक्षा के क्षेत्र में दूसरे स्थान पर कार्य कर रहा है। बेहतर शिक्षा पद्धति से देश के विद्वान शिक्षा ग्रहण कर अमेरिका में जाकर नोबल पुरस्कार प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने संस्कृत भाषा पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा जन-जन की भाषा थी, व आज के समय में सबसे ज्यादा वैज्ञानिक भाषा है। प्रदेश सरकार द्वारा संस्कृत भाषा को दूसरी राजकीय भाषा घोषित किया गया है, जिसे और आगे ले जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश समृद्ध संस्कृति वाला देश है, जिसे संजोये रखने की आवश्यकता है। इस अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर के पास अपना स्कूल भवन न होने के लिए कहा कि वह जमीन उपलब्ध करवाने के लिए नगर निगम से बात करेंगे, ताकि बच्चों को अपना स्कूल भवन उपलब्ध हो सकें। इस अवसर पर सुरेश भारद्वाज ने अपने ऐच्छिक निधि से स्कूली छात्रों को 21 हजार रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने वाले बच्चों को भी पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में परिवहन निगम निदेशक सुशील चौहान, ढली पार्षद शलेन्द्र चौहान, हिमाचल शिक्षा समिति के महासचिव दिला राम चैहान, सूद सभा के अध्यक्ष संजय सूद, बाबू राम गौतम, स्कूल प्रधानाचार्य भावना ठाकुर, स्कूल के अध्यापक, बच्चे व अभिभावक उपस्थित रहे।