कालिका सहस्रनाम
-गतांक से आगे…
भक्तानंद-मयी भक्ति-भाविका भक्ति-शर्ज्री।
सर्व-सौंदर्य-निलया सर्व-सौभाग्य-शालिनी।। 91।।
सर्व-सौभाग्य-भवना सर्व सौख्य-निरूपिणी।
कुमारी-पूजन-रता कुमारी-व्रत-चारिणी।। 92।।
कुमारी-भक्ति-सुखिनी कुमारी-रूपधारिणी।
कुमारी-पूजक-प्रीता कुमारी प्रीतिदा प्रिया।। 93।।
कुमारी-सेवकासंगा कुमारी-सेवकालया।
आनंद-भैरवी बाला भैरवी वटुक-भैरवी।। 94।।
श्मशान-भैरवी काल-भैरवी पुर-भैरवी।
महा-भैरव-पत्नी च परमानंद-भैरवी।। 95।।
सुधानंद-भैरवी च उन्मादानंद-भैरवी।
मुक्तानंद-भैरवी च तथा तरुण-भैरवी।। 96।।
ज्ञानानंद-भैरवी च अमृतानंद-भैरवी।
महा-भयर्ज्री तीव्रा तीव्र-वेगा तपस्विनी।। 97।।
त्रिपुरा परमेशानी सुंदरी पुर-सुंदरी।
त्रिपुरेशी पञ्च-दशी पञ्चमी पुर-वासिनी।। 98।।
महा-सप्त-दशी चैव षोडशी त्रिपुरेश्वरी।
महांकुश-स्वरूपा च महा-चव्रेश्वरी तथा।। 99।।
नव-चव्रेहृश्वरी चक्र-ईश्वरी त्रिपुर-मालिनी।
राज-राजेश्वरी धीरा महा-त्रिपुर-सुंदरी।। 100।।
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