किसानों को बीज देना ही भूल गई सरकार
कृषि विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी चुनाव में लगने से नहीं मिल रही गेहूं
शिलाई – भले ही प्रदेश सरकार किसानों के हित की बात करती है, लेकिन वह केवल एक जुमला मात्र है। उपचुनाव के चक्कर में प्रदेश सरकार अन्नदाता किसानों को ही बीज देना भूल गई। कृषि विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी चुनावी में लगने से यहां के किसानों को बीज का गेहूं नहीं मिल पा रहा है। किसान बाहरी बाजार से महंगे मूल्य का गेहूं खरीद रहे हैं। आए दिन सैकड़ों लोग कृषि विभाग के कार्यालय में पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है। अधिकारी दो टूक जवाब देते हैं कि गोदामों के कर्मचारियों की उपचुनाव में ड्यूटी लगी है। चुनाव निपटने के बाद ही गेहूं मिलेगा। हम क्या करें सरकार के आदेश हैं। धौलाकुआं, पांवटा साहिब के गोदामों से गेहूं आना था। स्टोर इंचार्ज भी चुनाव ड्यूटी में है। गिरिपार क्षेत्र की 70 पंचायतों के ऊंचाई वाले हजारों बीघा क्षेत्रों में किसान अक्तूबर के पहले सप्ताह में गेहूं की बिजाई करते हैं, लेकिन विभाग के पास न गेहूं है न कर्मचारी हैं। गेहूं गोदामों में बंद है, कर्मचारी चुनाव में तैनात हैं, किसान परेशान हैं। क्षेत्र के प्रगतिशील किसान गुलाब सिंह नोटियाल, कंवर सिंह शर्मा, गीता राम, सुंदर सिंह, टीका राम, दीप राम, मनसा राम, गुमान सिंह सहित 70 पंचायत के किसानों का कहना है कि कृषि विभाग और सरकार के लिए उपचुनाव महत्त्वपूर्ण है किसानों के कोई मायने नहीं। किसानों का आरोप है कि चुनाव भी महत्त्वपूर्ण है, लेकिन विभाग को जिला के गोदाम से गेहूं का बीज खंड के गोदाम तक भेजना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नतीजतन किसानों को जहां गेहूं की बिजाई में देरी हो गई है, वहीं सैकड़ों किसानों को अप्रमाणित बीज भारी भरकम कीमत चुकाकर बाहरी बाजार से खरीदना पड़ा। उधर, कृषि विभाग शिलाई के विषयवाद डा. किशोरी लाल ने बताया कि जिला के गोदाम पांवटा और धौलाकुआं के स्टोर इंचार्ज की ड्यूटी उपचुनाव में लगी है। गेहूं गोदाम में है। चुनाव के बाद ही गेहूं मिल पाएगा।
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