कुल्लू में रुकवाया बाल विवाह

17 साल की नाबालिग से शादी रचाने लगा था युवक,मौके पर पहुंची टीम

कुल्लू –महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने भागकर शादी रचाने वाले युवक और युवती को शादी रचाने से रोक दिया है। यह दोनों घरवालों की मर्जी के बगैर शादी रचाने वाले थे और कानूनी तौर पर लड़की शादी करने की निर्धारित उम्र से छोटी थी। जिसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को मिली थी और महिला एवं बाल विकास विकास की टीम में जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र आर्य, संरक्षण अधिकारी नरेश कौंडल, मनीष कुमार, संरक्षण अधिकारी डा. समिता और निर्मला और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बिमला ने मौके पर पहुंचकर दोनों को भागकर शादी करने से रोक दिया और दोनों को समझाकर अपने-अपने परिजनों के सपूर्द कर कर दिया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र आर्य ने बताया कि दोनों मणिकर्ण घाटी से संबंध रखते हैं। जिसमें लड़की की उम्र 17 साल होने के कारण यह बाल विवाह के अंतर्गत आता था। ऐसे में विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस शादी को रूकवा दिया है। जानकारी के अनुसार नाबालिग युवती ने नौवीं कक्षा से स्कूल छोड़ दिया है और जबकि जमा दो तक की पढ़ाई करने के बाद खेतीबाड़ी का काम करता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जब दोनों से जानकारी ली तो लड़की का तर्क था कि मुझे कानून के बारे में जानकारी नहीं थी। जबकि युवक का तर्क था कि उसे लड़की के नाबालिग होने की जानकारी नहीं थी। जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि बाल विवाह कानून के बारे में विभाग हालांकि समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाता रहता है, लेकिन फिर भी कुछ क्षेत्रों में लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। इसको लेकर विभाग आने वाले समय में भी जागरूकता अभियान चलाएगा। इस अभियान के तहत खासकर स्कूलों में फोक्स किया जाएगा, ताकि स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को इस कानून के बारे में जानकारी हो और बाल विवाह जैसा कदम आने वाले समय में न उठाए। गौर रहे कि इससे पहले भी विभाग ने गड़सा और मणिकर्ण घाटी में भी बाल-विवाह रूकवाए हैं। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि अगर उनके क्षेत्र में इस तरह का कोई बाल विवाह होने वाला या हुआ हो तो इस बात को विभाग के ध्यान में लाएं, ताकि विभाग इस पर कोई कार्रवाई अमल में ला सके। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर सहित तमाम युवक मंडल, महिला मंडल व सामाजिक संगठनों से आग्रह किया है।