गिरिपार की लाइफ लाइन 72 घंटे से बंद

एनएच-707 का धंसना जारी, तीन दिन बाद भी नहीं दिखी उम्मीद की किरण

पांवटा साहिब – बद्रीपुर-गुम्मा एनएच-707 को कच्ची ढांग के पास बंद हुए 72 घंटे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक भी उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है। सड़क का धंसना लगातार जारी है। तीन दिन में सड़क अपने पहले के स्थान से करीब पौने दो सौ फुट तक धंस चुकी है, जिस कारण एनएच इस पर कार्य नहीं कर पा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार को सतौन की तरफ से मशीनें लगानी शुरू कर दी जाएंगी। एनएच बंद होने से गिरिपार क्षेत्र के शिलाई एरिया की लाइफ लाइन थम गई है। यह एनएच सिर्फ जिला सिरमौर ही नहीं, बल्कि शिमला जिला के लोगों के लिए भी भाग्य रेखा का काम करता है। एनएच से जहां शिमला जिला का सेब देश की मंडियों में पहुंचता है, वहीं शिलाई और श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र के लाखों लोगों के अवागमन का भी यह एकमात्र मुख्य मार्ग है। मंगलवार को भी एनएच के अधिकारी मात्र दर्शक बनने के अलावा ओर कुछ खास नहीं कर पाए। हालांकि सिरमौरी ताल के पास से छोटे वाहनों के लिए गिरि नदी की ओर एक सड़क बनाई गई है। बताया जा रहा है कि बुधवार को जियोलॉजिस्ट की टीम भी मौके का दौरा कर सकती है। इसके अलावा एक्सपर्ट भी आकर जायजा लेंगे कि अगला कदम क्या होना चाहिए। मंगलवार को भी यातायात बंद होने से जनजीवन प्रभावित रहा। छोटी गाडि़यों के लिए हालांकि विकल्प के तौर पर खोला गया सतौन-मालगी सड़क संपर्क मार्ग कुछ राहत देता नजर आया, लेकिन बड़े वाहन और बसों की आवाजाही अभी भी प्रभावित है। स्थानीय लोगों की मानें तो एनएच को सड़क बहाल करने तक कम से कम उपर की ओर एक पगडंडी बनानी चाहिए, जिससे यात्री 200 मीटर का दायरा पैदल आर-पार कर बसें बदलकर आवागमन जारी रख सके। उधर, अधिशाषी अभियंता एनएच मंडल नाहन अनिल शर्मा ने बताया कि सड़क धंसना बंद नहीं हो रही है, जिस कारण मौके पर काम शुरू नहीं किया जा पा रहा है। उम्मीद है कि बुधवार तक सड़क धंसना बंद हो जाएगी तो सतौन की तरफ से मशीनें लगाकर कार्य शुरू किया जाएगा। सुरक्षित पगडंडी बनाने का भी प्रयास रहेगा।

लोग त्रस्त, नेता प्रचार में मस्त

तीन दिन से एनएच बंद है। इसका सबसे ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव शिलाई की जनता पर पड़ रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि नेताओं को प्रचार की पड़ी हुई है। जनता की दिक्कतों से उन्हें कोई लेना-देना नहीं। लोग कहते सुनाई दे रहे हैं कि यह तो पच्छाद में चुनाव है इसलिए नेता वहां व्यस्त है। शिलाई या पांवटा की समस्याओं का अभी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। जनता समस्या से त्रस्त है लेकिन नेता चुनाव प्रचार में मस्त है।