गोमाता की पूजा संग सेवा

लोगों ने उतारी आरती, कुल्लू में मनाया गोपूजन त्योहार

भुंतर –जिला कुल्लू में रविवार को गोपूजन त्योहार पर ग्रामीण अंचल में गोमाता की खूब खातिरदारी हुई। रविवार को गोपूजन त्योहार जिला में विधिपूर्वक मनाया गया। गोमाता की आरती उतारी गई और भोजन करने से पहले पशुपालकों ने भोजन भी उन्हें खिलाया और ताजा घास भी परोसा। गाउओं के अलावा दूसरे पशुओं को भी इस मौके पर पूजा गया। हालांकि जिला के कई स्थानों पर सड़कों पर लावारिस गउएं भी नजर आईं, जो उनके हाल पर ही छोड़ दी गई हैं।  लिहाजा, गोपूजन पर कहीं गाय की खातिरदारी होती रही तो, कहीं सड़कों पर तिनके-तिनके को मोहताज दिखीं। जिला भर में कभी कामधेनु कहलाई जाने वाली गाय अब सड़कों पर लावारिस होकर घास के तिनके-तिनके को तरसती रही है और यह सरकार के साथ बुद्धिजीवियों के लिए चिंता का सबब बना है। लावारिस होती गाय गोपूजन की औपचारिकताओं पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रही है। गउओं को लावारिस छोड़ने वालों पर कार्रवाई के लिए सरकार के प्रयासों में भी कोई दम और रुचि नजर नहीं आ रही है। आलम अब यह हो गया है कि लावारिस शहरों में छोड़ी जाने वाली पूजनीय गाय माता के कारण जाम की स्थिति भीड़ वाली सड़कों पर हो रही है और कई वाहन चालक दुर्घटनाओं के भी शिकार इससे हो चुके हैं। जिला के देवी-देवता कारदार संघ के प्रधान जयचंद ठाकुर कहते हैं कि जो व्यक्ति गाय को लावारिस छोड़ता है, उसके घर से लक्ष्मी भी रूठकर चली जाती है। वह कहते हैं कि प्रयोग के बाद सड़कों पर गाय को छोड़ना ब्रह्म हत्या के समान है और जो इस कृत्य को करता है, वह ब्रह्म हत्या का दोषी है।