घटिया दवाएं सील, इस्तेमाल पर रोक
कंडाघाट भेजे सैंपल, ‘दिव्य हिमाचल’ में खबर छपते ही विभाग की कार्रवाई
शिमला – मंडी और कुल्लू की सरकारी सप्लाई में पकड़ी गई घटिया दवाओं के बाद संबंधित बैच की दवाओं को मरीज़ों को देने पर विभाग ने रोक लगा दी है। इसके साथ ही दवाओं के सैंपल्स कंडाघाट में जांच के के लिए भेज दिए गए हैं। गौर हो कि संबंधित बैच की दवाएं प्रदेश के सभी जिलों में इस्तेमाल की जा रही थीं। लिहाजा तब तक इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है, जब तक संबंधित दवाओं के सैंपल्स की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को न मिल पाए। इनमें ब्लड प्रेशर, गैस्ट्रिक और एलर्जी की दवाएं शामिल हैं। अब जब तक रिपोर्ट नहीं आती, तब तक अस्पतालों में संबंधित दवाओं के बैच को सील करने रखा जाएगा। गौर कि ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा उठाए गए मामले के बाद स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया गया है। वहीं, सरकारी सप्लाई में घटिया दवाओं के खुलासे के बाद सामने आया है कि अभी भी कई अस्पतालों में दवाओं की खेप शेष है। इसमें करीब 40 हजार दवाओं की गोलियों का स्टॉक बचा है। इनमें अभी टेलमिजा़रटेन की 10 हजा़र गोलियां और लिवोस्ट्रिज़िन की लगभग 30 हजा़र गेलियां अस्पतालों में बची हुई हैं। गौर हो कि इसकी शिकायत संबंधित जिला सीएमओ से की गई है, जिस पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। वहीं, जो दवाएं सब-स्टैंडर्ड निकली हैं, उनमें सभी जीवन रक्षक दवाएं शामिल हैं। मंडी में टेलमिजा़रटेन की दवा की शिकायत में सामने आया है कि जब इसे खोला गया तो यह पाउडर बन चुकी थी। वहीं, लिवोस्टि्रेज़िन मेडिसिन भी गोली नहीं, बल्कि पाउडर के रूप में ही थी। इसके साथ ही कुल्लू के सरकारी सप्प्लाई में भी घटिया दवा का खुलासा हुआ है, जिसमें गैस्ट्रिक की दवा रेंटिडाइन भी थी, जिसकी शिकायत जिला सीएमओ से की गई है। शिकायत में कहा गया है कि दवा की कई स्ट्रिप्स तो खाली ही थीं, लेकिन जब एक को खोला गया दवा मैल्ट हो चुकी थी।
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