चंडीगढ़ में मनाया कुकुर तिहार

By: Oct 29th, 2019 12:03 am

नेपाल के प्रसिद्ध त्योहार को यूटीवासियों ने किया एन्जाय, पालतू जानवरों का किया सम्मान

चंडीगढ़  – नेपाल का प्रसिद्ध त्योहार कुकुर तिहार इस बार चंडीगढ़ सहित भारत के कई शहरों में मनाया गया। इस अवसर पर पालतू और बेघर कुत्तों के गले में माला पहनाकर और माथे पर तिलक लगाकर उनका सम्मान किया गया। चंडीगढ़ में यह शुरुआत शहर के एक गैर-लाभकारी संगठन ज्वॉय फॉर एनिमल्स ने की। संगठन का कहना है कि अगली दिवाली पर ट्राइसिटी में यह त्योहार बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा। ज्वॉय फॉर एनिमल्स जीव-जंतुओं के कल्याण हेतु प्रकाश फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई एक अभिनव पहल है, जिसके संस्थापक अध्यक्ष नरविजय यादव ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से देश में बेघर कुत्तों की समस्या तेजी से बढ़ी है। उनकी आबादी जितनी तेजी से बढ़ी है, उतनी तेजी से मादा कुत्तों की नसबंदी नहीं की जा रही है। साथ ही, बढ़ते शहरीकरण के चलते मनुष्य का यह प्यारा दोस्त उपेक्षित हो रहा है और इसे भोजन-पानी भी नहीं मिल पा रहा है। इस नाते कुकुर तिहार एक महत्त्वपूर्ण परंपरा है, जिसे देश में बड़े पैमाने पर मनाए जाने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि इंदौर की डॉगिटाइजेशन संस्था ने कुत्तों को लड्डू कहना शुरू किया है। कुत्ता शब्द एक गाली में तबदील हो चुका है, ऐसे में कुत्तों की भला कौन कद्र करेगा। इसीलिए इन्हें लड्डू जैसा प्यारा संबोधन दिया गया है, जिसे सभी पसंद कर रहे हैं। नरविजय ने कहा कि आप किसी अनजान बेघर कुत्ते को प्यार से लड्डू कहकर पुकारिए, फिर देखिए कैसे वह पूंछ हिलाता हुआ आपकी ओर प्यार से देखेगा। यह जीव प्यार का भूखा है और इसके पास आपको देने के लिए सिर्फ  प्रेम और वफादारी ही है। कुत्तों को कभी किसी अन्य इलाके में नहीं छोडना चाहिए। यह गैरकानूनी है और कुत्तों के साथ अन्याय भी। नइ जगह पर उन्हें वहां के कुत्ते नहीं जीने देते और भूखा भी रहना पड़ता है। जाहिर है, चिंता और परेशानी में जी रहा ऐसा कुत्ता छेड़ने पर किसी को काट सकता है। कुत्तों और मनुष्य की दोस्ती को 12 हजार साल से अधिक समय हो चुका है। इतनी प्यारी यारी को उपेक्षित करना मनुष्य का अपराध है।


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