चुनावी मुद्दों से कर्मचारी गायब

By: Oct 18th, 2019 12:02 am

जारी चुनावी घोषणा-संकल्प पत्र में किसानों, युवाओं, महिलाओं व आमजन को साधने का पूरा प्रयास

पंचकूला -देश की दोनों बड़ी पार्टियों कांग्रेस व भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में कर्मचारियों के मुद्दे लगभग गायब से हैं। अगर कुछ है भी तो वे नाम मात्र के मुद्दे हैं, जिसे लेकर कर्मचारियों का रुख चुनाव में बदला चुकाने का बनता जा रहा है। ऐसे में सरकार के 50 से 55 साल की आयु या 25 साल नौकरी के पूरे करने वाले कर्मचारियों को रिटायर करने के आदेश कहीं खट्टर सरकार का 75 पार का सपना धूमिल न कर दे। चुनावी मुकाबले को तिकोना बनाने वाली जेजेपी का घोषणा पत्र एक-दो दिन में आने वाला है। अगर जे जे पी ने कर्मचारियों की घुटती सांसो पर उनके लिए कुछ खास करने का ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिया तो चुनाव परिणाम बदलने की सूरत बन सकती है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस सीधे कड़े मुकाबले में आमने-सामने मानी जा रही थी। मगर पिछले कुछ समय से जेजेपी की चुनावी गति ने मुकाबले को तिकोना बना दिया है। अब हरियाणा के कर्मचारी और सरकार एक-दूसरे के सामने आ गए हैं। प्रदेश के कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग की अगवाई कर रहे सर्वकर्मचारी संघ का आरोप है कि सरकार ने एक आदेश जारी कर 50-55 साल की उम्र या 25 साल की नौकरी वाले कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने के आदेश जारी कर दिए हैं। संघ ने इस फैसले की निंदा की है और इसका तीखा विरोध करने का ऐलान किया है। विरोध का क्या स्वरूप होगा, इसका निर्णय जल्द होने वाली राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग में किया जाएगा। संघ ने बीजेपी पर 2014 में जारी धोषणा पत्र में कर्मचारियों से किए पंजाब के समान वेतनमान देने, 15 हजार रुपए, न्यूनतम वेतन देने, सफाई कर्मचारियों और गेस्ट टीचरों सहित कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, छठे वेतन आयोग की सिफारिशों की विसंगतियों को दूर करने के वादों पर अमल न करने का भी आरोप लगाया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा और महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि प्रदेश में 21 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनावों के बीच ही सत्ता के नशे में चूर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने सभी बिजली निगमों सहित, सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने के बारे में आदेश जारी किया है। सरकार ने ऐसा करके प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के मान सम्मान को ललकारा है, जिससे कर्मचारियों और उनके परिजनों में सरकार के खिलाफ भारी आक्त्रोश पैदा हो गया है। दोनों बड़ी पार्टियों कांग्रेस और  भाजपा के जारी चुनावी घोषणा संकल्प पत्र में किसानों, युवाओं, महिलाओं व आम जन को साधने का पूरा प्रयास किया है। मगर कहीं न कहीं कर्मचारियों को दोनों ही पार्टियां भुला बैठी हैं ।


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