चुनावों में मुद्दे होने लगे गायब

By: Oct 24th, 2019 12:02 am

अंबाला  – हरियाणा की 14वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव इस बार बिना किसी बड़े मुद्दों के लड़े गए। भाजपा ने जहां राष्ट्रीयता के मुद्दे पर जनसमर्थन हासिल करने की कोशिश की, वहीं कांग्रेस ने भाजपा की पांच साल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। हरियाणा में भाजपा अथवा कांग्रेस कांटे की टक्कर तथा अंबाला शहर में असीम गोयल व निर्मल सिंह में  जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है वैसे तो असीम गोयल बढ़त बनाए हुए थे, परंतु आखरी दिन निर्मल सिंह का गांवों के बाद शहर में भी दबदबा बढ़ा है। वहीं दूसरी ओर करीब 11 माह पहले अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी ने भाजपा अथवा कांग्रेस को छेड़ने के बजाय अपनी खुद की पार्टी के एजेंडे पर चुनाव लड़ा। प्रदेश के 1169 उम्मीदवारों की किस्मत अब इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद हो गई। गुरुवार सुबह सात बजे से मतगणना का दौर शुरू होगा और दोपहर करीब एक बजे तक अधिकतर रुझान पता चल जाएंगे। विभिन्न सर्वे और एक्जिट पोल राज्य में भाजपा की एकतरफा सरकार बनने की ओर इशारा कर रहे हैं। भाजपा इस एक्जिट पोल से काफी हद तक सहमत है, जबकि कांग्रेस, इनेलो और जजपा ने इन्हें सिरे से खारिज कर दिया है। एक्जिट पोल के नतीजों को यदि नजरअंदाज भी कर दिया जाए तो विधानसभा चुनाव के नतीजे काफी चौंकाने वाले होंगे। चुनावी रण में भाजपा ने 75 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। भाजपा भले ही इस लक्ष्य को हासिल न कर पाए, लेकिन इसके आसपास रहकर बिना किसी बाहरी सहयोग के सरकार बनाने की स्थिति में है। भाजपा के कई दिग्गजों की सीटें फसी हुई नजर आ रही हैं, लेकिन जिस तरह से मतदान का प्रतिशत 61 से बढ़कर 69 तक पहुंच गया है


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