जरूरतमंदों तक पहुंचाएंगे बचा खाना

फोस्टेक कार्यशाला के दौरान विभाग ने फूड शेयर कार्यक्रम पर की चर्चा

मंडी –मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कान्फ्रेंस हाल में बुधवार को होटल, रेस्टोरेंट और मिठाई विक्रेताओं के लिए फोस्टेक कार्यशाला का आयोजन किया गया। फोस्टेक (फूड सेफ्टी ट्रेनिंग सर्टिफिकेशन) प्रोग्राम के साथ ही एफएसएसएआई (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया) के शेयर फूड कार्यक्रम पर भी चर्चा की गई। दरअसल एफएसएसएआई ने बचे हुए खाने की वेस्टेज रोकने के लिए फूड शेयर कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट में बचा हुआ खाना गरीबों तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। अधिकतर होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट में बचा हुआ खाना वेस्ट हो जाता है। खाने को वेस्टेज से बचाने और जरूरतमंद को मुफ्त में इसे उपलब्ध करवाने के लिए शेयर फूड कार्यक्रम बनाया गया है। फूड सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग के सहायक आयुक्त अनिल  शर्मा ने शेयर फूड प्रोग्राम के बारे में होटल, ढाबा संचालकों को जानकारी देते हुए इसके क्रियान्यवन पर चर्चा की। वर्कशॉप में तय किया गया कि जल्द ही शेयर फूड के क्रियान्यवन को लेकर रूपरेखा तैयार की जाएगी। साथ ही फोस्टेक कार्यक्रम के तहत जिला में छठी वर्कशॉप का भी आयोजन किया गया। इसमें मंडी शहर और आसपास के होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट संचालकों और मिठाई विक्रेताओं ने भाग लिया, जिसमें फोस्टेक कार्यक्रम के बारे में संचालकों को जानकारी देने के साथ ही संचालकों व कामगारों को ट्रेनिंग भी करवाई गई। इसके साथ ही फेस्टिवल सीजन को देखते हुए मिठाई विक्रेताओं को हाईजीन संबंधी विशेष हिदायतें भी जारी की गईं। मिठाई विक्रेताओं को फूड एडल्ट्रेशन और मिठाइयों में रंग की मात्रा सीमित रखने के बारे में चेतावनी दी गई। यहां बता दें कि सभी होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट या मिठाई विक्रेताओं के लिए फोस्टेक ट्रेनिंग अनिवार्य है। इसमें संचालकों के साथ ही कामगारों को भी हाईजीन और मिलावटी खाद्य पदार्थों से बचने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान  मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जीवानंद चौहान और फूड सेफ्टी अफसर खेम सिंह भी मौजूद रहे।