टूरिस्ट ने चैडविक फॉल को बनाया ‘डस्टबिन’

शिमला – समरहिल स्थित पर्यटन स्थल चैडविक फॉल क्षेत्रों को सैलानियों ने पूरी तरह से डस्टबिन में तबदील कर दिया। हैरानी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के सपने पर बाहरी राज्यों से आए सैलानी पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। चैडविक फॉल हालांकि वन विभाग के अधीन है और यहां ईको टूरिज्म की दृष्टि से विकास भी होना है। शांत वादियों में सैर करने से कोई भी पीछे नहीं हटते, लेकिन यहां घूमने आए टूरिस्ट्स गंदगी फैला कर पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं। ऐसा ही मामला रविवार को चैडविक फॉल में सामने आया। सैलानियों ने यहां मौज-मस्ती की और गंदगी फैला दी। प्लास्टिक की बोतलों सहित खाने-पीने की चीजों को यहां फैंक कर चले गए। बावजूद इसके पर्यावरण को खतरे में डालने वाले और गंदगी फैलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने हिमाचल में 12 नई ईको टूरिज्म साइट्स विकसित करने के लिए मास्टरप्लान तैयार किया है। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आने वाले दिनों में नई साइट्स विकसित होंगी। राज्य वन विभाग ने प्रस्तावित नई साइट्स के लिए कंसलटेंट नियुक्त करने के लिए आवेदन मांगे हैं। अभी तक वन विभाग को नौ कंसलटेंटों में से एक को छोड़ दें तो अन्य ने प्रेजेंटेशन दी है। कंसलटेंट फानल होने के बाद निवेशकों को साइट्स विकसित करने के लिए दी जाएंगी। हाल ही में प्रदेश में 12 ईको टूरिज्म साइट्स स्वीकृति की गई थीं। स्वीकृत की गई नई साइट्स में शहर के साथ लगते समरहिल क्षेत्र में पोटरहिल, बिलासपुर के चलेला, चंबा में दो साइट्स लोंगा व रानीकोट हैं। धर्मशाला में करेरी, हमीरपुर में सिद्धचलेड़, कुल्लू में कोलंग, मंडी में थानेर्श्वर, सिरमौर में बुरसिंह महोदव व हाबनए किन्नौर के निचार और सोलन के कसौली में एक ईको टूरिज्म साइट फाइनल हो चुकी हैं जहां टूरिज्म की दृष्टि से कारोबार शुरू होगा। उक्त ईको टूरिज्म साइट्स को विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर दिया है।