टेलीकॉम कंपनियों की बढ़ी मुसीबतें

By: Oct 30th, 2019 12:05 am

सुप्रीम कोर्ट के बाद वित्त मंत्रालय से मिल सकता है झटका

नई दिल्ली- टेलीकॉम सेक्टर की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के बाद अब वित्त मंत्रालय से टेलीकॉम कंपनियों को झटका मिल सकता है। वित्त मंत्रालय ने टेलीकॉम कंपनियों की उस मांग को मानने से इनकार कर सकता है, जिसमें दो साल के लिए पिछले स्पेक्ट्रम नीलामी की फीस न लिए जाने का आग्रह किया गया था। इससे पहले सरकार ने साल 2017 में सभी टेलीकॉम कंपनियों को पिछले स्पेक्ट्रम की बकाया फीस को दस की बजाय 16 साल में अदा करने की छूट दी थी। हालांकि अब टेलीकॉम कंपनियां दो साल की अतिरिक्त छूट मांग रही हैं। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मौजूदा वक्त में सरकार का टैक्स कलेक्शन घटा है। ऐसे में सरकार की तरफ से स्पेक्ट्रम फीस में छूट नहीं दी जा सकती है। सभी टेलीकॉम कंपनियों को सालाना 24520 करोड़ रुपए के हिसाब से अगले दो साल में 49040 करोड़ रुपए देना है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एयरटेल समेत देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों पर दूर संचार विभाग की देनदारी बढ़ गई है। टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर और लाइसेंस फीस के रूप में एक लाख 33 हजार करोड़ रुपए जुर्माने के साथ अगले तीन माह में अदा करने हैं। इसके अलावा साथ ही 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया में भी हिस्सा लेना है। ऐसे में टेलीकॉम कंपनियों अपने लिए सरकार से कुछ छूट मांग रही थी, जिसे फिलहाल के लिए वित्त मंत्रालय ने नजरअंदाज कर दिया है। टेलीकॉम कंपनियों और दूरसंचार विभाग के बीच एजीआर को लेकर 1997 से विवाद चल रहा था। लेकिन रिलायंस जियो की एंट्री 2014 में होती है। ऐसे में उस पर सरकार का बकाया केवल 13 करोड़ रुपए है। इस रकम को चुकाना रिलायंस जियो के लिए मुश्किल नहीं होगा, लेकिन जियो की प्रतिद्वंदी कंपनियों एयरटेल, वोडाफोन आइडिया पर भारी बोझ पड़ने वाला है।


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