डेंगू के 100 मरीजों का सफल उपचार

पांवटा के लाइफ लाइन होम्योपैथी क्लीनिक के चिकित्सक डा. रोहताश ने दिखाई प्राचीन पद्धति की ताकत

पांवटा साहिब –औद्योगिक क्षेत्र व तीन राज्यों की सीमा से सटे पांवटा नगर में पिछले दो माह में डेंगू व प्लेटलेट्स कम होने के करीब 100 मरीजोंं का सफल इलाज डा. रोहताश नागिया ने किया है। उन्होंने सफल इलाज कर हजारों वर्ष प्रचीन भारत की होम्योपेथिक उपचार की ताकत को दिखाया है। जानकारी के मुताबिक यहां के वाई प्वाइंट स्थित लाइफ लाइन होम्योपैथी क्लीनिक के चिकित्सक डा. रोहताश नागिया ने दावा किया है कि उन्होंने पिछले दो माह में 100 से अधिक डेंगू के मरीजों का उपचार कर उन्हें तंदुरुस्त किया है। इनमंे कुछ मरीज ऐसे भी हैं, जिनका ब्लड प्लेटलेट्स काउंट 14 हजार से भी नीचे आ चुका था। इसमंे बच्चे भी शामिल थे। हैरत की बात है कि पांवटा मंे सिविल अस्पताल में, जहां रोजाना ओपीडी 600 से 700 रहती है। वहां पर संभावित डेंगू के मरीजों की संख्या इतनी कम क्यों है। क्या यह लोगों का सरकारी अस्पताल के प्रति विश्वास कम दिखा रहा है या यहां से मरीजों को रैफर किया जाता है। इसलिए भी मरीज प्राइवेट उपचार मंे रुचि दिखाते होंगे। डा. नागिया ने बताया कि उन्होंने सभी मरीजों का उपचार होम्योपैथी पद्धति से किया और कम खर्चे में उन्हंे ठीक किया। उन्होंने बताया कि इनमंे काफी पेशंट ऐसे भी थे, जो पढ़ाई या अन्य कार्यों के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। वापस आकर उन्होंने उनके पास उपचार करवाया और ठीक हो गए। कई ऐसे मरीज थे, जिन्हें पांवटा से बाहर प्लेटलेट चढ़ाने को कहा गया था। वह भी दवाइयों से ठीक हो गए। उन्होंने कहा कि उन्होने दो माह में करीब 100 से अधिक डेंगू के मरीजों का सफल उपचार किया है, जिनमंे से कुछ बच्चों में सार्थक, अमनदीप, शाहरुख, तेजेंद्रा के अलावा बड़ांे में शबनम, तबस्सुम, प्रदीप, मुरारी सिंह, आतिशी, नजीमा, पीके सिंगला को भी डेंगू के कारण लो प्लेटलेट्स रह गए थे, लेकिन होम्योपेथिक लाइफलाइन क्लीनिक से इलाज करवाया और इस वक्त वह सभी बिलकुल ठीक हंै। डा. एमडी रोहताश नागिया ने बताया कि होम्योपैथिक में डेंगू और लो प्लेटलेट्स, जो कि पिछले दो महीनों में सबसे अधिक देखने को मिला है, का सफल इलाज मिलता है। उन्होंने कहा कि लो प्लेटलेट्स या डेंगू में घबराए नहीं बल्कि समय पर पहुंचकर डाक्टर से इलाज करवाएं।