तेज बुखार और पेट दर्द…गड़बड़ है

By: Oct 11th, 2019 12:20 am

शिमला  – बच्चों को अकसर मौसम के बार-बार बदलने के साथ गले में दर्द की समस्या होने लगती है, लेकिन इसको प्रथम अवस्था में नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। शिमला के अस्पतालों में इन दिनों छोटे बच्चे गले के इन्फेक्शन के शिकार हुए अधिक देखे जा रहे हैं। इसके साथ ही शहर के अस्पतालों में बच्चों के हर रोज पांच से दस मामले गले में हो रही दिक्कतों के आते हैं। वहीं, डाक्टर का भी मानना है कि स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया से होने वाला गले का स्ट्रेप संक्रमण आम तौर पर बच्चों और किशोर में होता है। तीव्र बुखार, पेटदर्द और लाल, सूजा हुआ टांसिल इसके लक्षण हैं इन लक्षणों में डॉक्टरी सलाह और जांच जरूरी होती है। चूंकि इसका संक्रमण काफी तेजी से फैलता है और बच्चों में दिल की बीमारी होने का खतरा भी बन सकता है। इस संक्रमण का आम तौर पर एंटीबायोटिक के साथ इलाज किया जाता है। इस संक्रामक के ठीक होने में कुछ दिनों से लेकर हफ्ते तक लग सकते हैं, जिस वजह से बच्चों को स्कूल से छुट्टी करनी पड़ सकती है। अकसर 5-15 साल के बच्चों को गले में बैक्टीरियल इंफेक्शन की दिक्कत होती है। फेफडे, लीवर व हृदय की क्रॉनिक बीमारी से पीडि़त बच्चों को भी यह ज्यादा प्रभावित करता है। लक्षणों की बात करें तो उसमें बुखार, गले में दर्द व सूजन प्रमुख हैं। इसके अलावा मरीज को भूख कम लगने, कुछ भी खाने की चीज को निगलने में परेशानी होने के साथ दिक्कतें बढने पर सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है। कई बार इस बैक्टीरिया के विरुद्ध काम करने वाले शरीर के एंडीबॉडीज स्वस्थ कोशिकाओं को भी नष्ट करने लगते हैं। हृदय के कार्य पर भी असर होता है। ऐसे में डाक्टर बच्चों के अभिभावकों को सलाह देते हैं कि वे अपने बच्चों के खान पान का विशेष ध्यान रखें। साथ ही बाहर के खाने के बजाय घर का बना खाना खिलाएं।


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