दूरबीन बंद, चीर-फाड़ से आपरेशन
कांगड़ा – डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में दूरबीन पद्धति से आप्रेशन नहीं हो रहे हैं। अस्पताल के आप्रेशन थिएटर में दूरबीन पद्धति से पथरी सहित अन्य बीमारियों के आप्रेशन किए जाते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से टीएमसी में इस पद्धति से आप्रेशन नहीं हो रहे हैं, जिसके चलते मरीजों को अब पुरानी पद्धति से आप्रेशन करवाने पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, अस्पताल में यह आधुनिक सुविधा न मिलने के कारण अब मरीज आईजीएमसी शिमला, निजी तथा बाहरी राज्यों के अस्पतालों का भी रुख कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार टीएमसी में लेप्रोस्कोपिक कोलीसिसेक्टमी (दूरबीन पद्धति) से आप्रेशन करने के लिए दो मशीनें हैं। इन दोनों मशीनों से पथरी, अपेंडिक्स तथा हर्निया सहित अन्य रोगों के आप्रेशन की सुविधा प्रदान की जाती है। टीएमसी में भी मरीजों को यह सुविधा प्रदान करने के लिए दो मशीनें आप्रेशन थिएटर में उपलब्ध करवाई गई हैं। सूत्रों की मानें, तो इस पद्धति की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है, जिसके चलते मरीजों का उपचार पुरानी पद्धति के तहत ही किया जा रहा है। वहीं अस्पताल में लैपकॉली की सुविधा न मिलने पर लोगों ने भी व्यवस्था को लेकर सवाल उठाने आरंभ कर दिए हैं। उधर, टीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. सुरिंद्र सिंह भारद्वाज ने बताया कि अस्पताल में लेप्रोस्कोपिक कोलीसिसेक्टमी की दो मशीनें हैं। एक मशीन सही ढंग से कार्य कर रही है तथा मरीजों को सुविधा दी जा रही है।
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